गली से गुजरने की जरा सी बात पर जल उठे खमरिया खुर्द में हालात अब सामान्य हैं। शुक्रवार रात दो समुदायों के बीच हुई हिंसक झड़प में मारा गया राजू आदिवासी होली के दिन ही अपने गांव चंदपुरा आया था। तीन बच्चों का पिता राजू शाम को घर में परिवार के साथ होली खेल रहा था। मां छोटी बाई ने उसे बताया कि गांव के पास खमरिया खुर्द में झगड़ा हो गया है। बड़ा बेटा रामजी नहीं दिख रहा। मां के इतना कहते ही राजू को लगा कि हो सकता है रामजी भी झगड़े में फंस गया हो।
वह तुरंत पत्नी और बच्चों को छोड़कर बाइक से खमरिया खुर्द के लिए रवाना हो गया। घटनास्थल पर उपद्रवियों के बीच अपने बड़े भाई को तलाश रहा था। जैसे ही भाई दिखा, तभी उपद्रवियों ने राजू के सीने में गोली मार दी। बड़ा भाई रामजी यह देख सहम गया। रामजी कुछ समझ पाता, उससे पहले उपद्रवियों ने राजू को ट्रैक्टर से भी कुचल डाला। जान बचाते हुए रामजी गेहूं के खेत में छिप गया। उसके सामने ही उपद्रवियों ने छोटे भाई की बाइक भी फूंक दी। देर रात रामजी घर आ गया।
शनिवार सुबह 7 बजे पुलिस ने बताया कि राजू हिंसक झड़प में घायल हो गया है। उसे भोपाल के हमीदिया में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उसकी वृद्ध मां छोटी बाई बेटे को देखने के लिए भोपाल रवाना हो गई। दोपहर में वह हमीदिया पहुंचीं। प्रशासन ने छोटी बाई को बताया कि राजू की मौत हो चुकी है। उसकी लाश घर भेज दी गई है। मां अस्पताल में बिलखती रही कि बेटे का चेहरा तो दिखा दो...।
अब तक राजू की लाश उसके गांव पहुंच चुकी थी। रामजी मां के वापस आने का इंतजार कर रहा था। इसी बीच प्रशासन ने यह कहकर परिवार पर दबाव बनाया कि राजू के शव से बहुत दुर्गन्ध आ रही है, जल्दी दफना दो। मां आती रहेगी। रामजी कहता रहा कि मां के आने पर ही वह भाई का अंतिम संस्कार करेगा, लेकिन प्रशासन नहीं माना। वह परिवार को जबरन साथ ले गया और राजू के शव को दफना दिया। रात करीब साढ़े सात बजे पुलिस भोपाल से उसकी मां को लेकर गांव पहुंची। तब तक बेटा दफन हो चुका था। मां चीखती रही कि मेरे बेटे को दिखा दो... मैं लकड़ी दे दूं...।
राजू के हैं तीन बच्चे
राजू उदयपुरा (रायसेन) में किसी महाराज के घर में प्राइवेट काम करता था। वह बहुत कम ही गांव आता था। होली के दिन ही गांव पहुंचा था। राजू के तीन बच्चे हैं। बड़ा बेटा अंश (4), बेटी आशिका (2) और सबसे छोटी बेटी 8 माह की है। पति की हत्या की जानकारी लगने के बाद पत्नी माया घर में अपने तीन बच्चों के साथ बेसुध बैठी रही। परिवार को अब बच्चों के पालन-पोषण की चिंता है।
हिंसा में 38 लोग गंभीर, 32 हमीदिया में भर्ती
उपद्रव में 38 लोगों को गंभीर चोट आई है। 6 की हालत नाजुक है। 32 घायलों को हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इनमें 13 साल की लड़की भी शामिल है। घायलों के इलाज के लिए डॉक्टरों की विशेष टीम लगाई गई है।
ट्रैक्टर-पिकअप से लोगों को रौंदा
रायसेन जिले के सिलवानी में शुक्रवार रात खमरिया खुर्द गांव में दो समुदायों के बीच मामूली विवाद में हिंसक झड़प हो गई। विवाद इतना बढ़ा कि खमरिया खुर्द गांव के लोगों ने चंदपुरा गांव के लोगों पर हमला कर दिया। खमरिया के उपद्रवियों ने छतों पर चढ़कर फायरिंग शुरू कर दी। इतने पर भी उपद्रवियों का मन नहीं भरा तो उन्होंने ट्रैक्टर, पिकअप से लोगों को रौंदना शुरू कर दिया।
यहां पढ़िए, पूरा घटनाक्रम:-
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