मप्र वन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट के यूजर इंटरफेस के कंटेंट का इस्तेमाल कर फर्जी वेबसाइट बना ली गई। फर्जी वेबसाइट पर जालसाजों ने फॉरेस्ट रेंजर और वनरक्षक के 500 पदों पर विज्ञप्ति भी जारी कर दी। वेबसाइट पर भर्ती का फॉर्म दिया गया था, जिसे भरे जाने की जानकारी जालसाजों को मिल जाती। जालसाजों का प्लान था कि भरे गए फॉर्म की जानकारी के आधार पर उम्मीदवारों से बात कर ठगी की जाती। समय रहते ही इसका पता वन विभाग के जरिए राज्य सायबर सेल को चल गया। पुलिस ने फर्जी वेबसाइट को डाउन करवाकर मप्र के युवाओं के साथ ठगी की वारदात नहीं होने दी।
वेबसाइट तैयार करने वाले आरोपी की तलाश जारी
इंस्पेक्टर अभिषेक सोनेकर ने बताया कि फर्जी वेबसाइट का संचालन महाराष्ट्र के चंद्रपुर से होने का पता चला था। पुलिस ने चंद्रपुर से राजू लक्ष्मण केकांत और अमरदीप रामदास डोंगरे को गिरफ्तार कर लिया। राजू ने सिम अमरदीप के जरिए विनीत पदमाकर राव को मुहैया करवाई थी। इसके बाद दोनों ने विनीत की मदद से वेबसाइट तैयार करवाई थी। राजू के खिलाफ चंद्रपुर के रामनगर थाने में पहले से 15 अपराध दर्ज हैं। पुलिस को वेबसाइट तैयार करने वाले विनीत की तलाश है।
देखने में हूबहू आधिकारिक वेबसाइट जैसी
जालसाजों ने फर्जी वेबसाइट को हूबहू वनविभाग की आधिकारिक वेबसाइट जैसा ही तैयार करवाया था। आधिकारिक वेबसाइट https://mpforest.gov.in को जालसाजों ने http://mpforestgov.info/mpforest.gov.in/index.html नाम से तैयार किया था। फर्जी वेबसाइट पर भर्ती फॉर्म अपलोड किए गए थे। जैसे ही इस फॉर्म को कोई उम्मीदवार भरता, इसकी जानकारी जालसाजों को मिल जाती। इसके बाद वे उम्मीदवार से व्यक्तिगत तौर पर बात कर रजिस्ट्रेशन फीस और अन्य तरीकों से पैसे वसूलते।
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