पर्यटन स्थल सांची प्रदेश की पहली सोलर सिटी बनेगी। यहां के घर, सड़कें, सरकारी-प्राइवेट दफ्तर सब कुछ सौर ऊर्जा से ही रोशन होंगे। इस पर 75 करोड़ रु. खर्च होने का अनुमान है। अगले साल मई-जून तक काम पूरा हो जाएगा।
मप्र राज्य ऊर्जा निगम के अधिकारियों के मुताबिक भोपाल से महज 48 किमी दूर सांची वर्ल्ड हेरिटेज साइट है। दुनियाभर से यहां पर्यटक आते हैं। सौर ऊर्जा से संचालित करने से इसे अलग पहचान मिलेगी। इसकी डीपीआर इस हफ्ते के अंत तक तैयार हो जाएगी। ओडिशा का कोणार्क पहला ऐसा शहर है, जिसे पूरी तरह सोलर सिटी बनाया जा रहा है। यानी सांची ऐसा देश का दूसरा शहर होगा।
ऐसा है प्लान : 10 मेगावाट का प्लांट, 12 करोड़ रु. सालाना बचत
ऊर्जा विकास निगम के चीफ इंजीनियर भुवनेश पटेल के मुताबिक सांची में दस मेगावाट का सोलर प्लांट लगाया जाना है। इसमें घरेलू और कमर्शियल बिजली की जरूरत पूरी होगी। यह प्लांट करीब 40 एकड़ भूमि पर लगेगा। रहवासी कॉलोनी के हिसाब से अलग-अलग साइज के सोलर पैनल लगाए जाएंगे।
सोसायटी में यदि खाली प्लॉट है तो वहां अलग से प्लांट लग सकता है। घरों में व्यक्तिगत संयंत्र लगाने का भी विकल्प रहेगा। सांची में अभी हर महीने करीब 90 लाख से एक करोड़ रु. तक का राजस्व मिलता है। पूरे शहर का औसत मासिक बिजली बिल भी करीब 1 करोड़ रु. रहता है। सौर ऊर्जा से बिजली जलेगी तो सालाना करीब 12 करोड़ रु. बचेंगे।
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