भोपाल के नर्मदा ट्रामा सेंटर के डॉक्टरों ने विदिशा की रहने वाली रेखा दांगी (36) को नया जीवन दिया है। उसके सिर में धंसी 8 सेंटीमीटर कुल्हाड़ी को 4 घंटे ऑपरेशन के बाद निकाल दिया। महिला की हालत अब खतरे से बाहर है। महिला को अज्ञात लोगों ने मंगलवार-बुधवार की दरमियानी रात सिर में कुल्हाड़ी मार दी थी। परिवार के सदस्य उस समय पास के ही मंदिर में जगराते में गए थे।
ट्रामा सेंटर के न्यूरो सर्जन डॉ. सौरभ श्रीवास्तव ने बताया कि मरीज को गंभीर अवस्था में बुधवार सुबह करीब 8.30 बजे नर्मदा ट्रामा सेंटर लाया गया था। महिला को प्राथमिक उपचार के बाद ऑपरेशन थिएटर में ले जाया गया। इस प्रकार के ऑब्जेक्ट को बिना ऑपरेशन थिएटर में ले जाए नहीं निकाल सकते क्योंकि कुल्हाड़ी निकालते समय अचानक ब्लीडिंग शुरू हो सकती है। कुल्हाड़ी सिर की त्वचा, मसल और हड्डी को भेदती हुई करीब 6 से 8 सेंटीमीटर तक धंसी थी।
ऑपरेशन करने वाली टीम में ट्रामेटोलॉजिस्ट डॉ. राजेश शर्मा, व क्रिटिकल केयर विशेषज्ञ डॉ. रेनू शर्मा, न्यूरो सर्जन डॉ. सौरभ श्रीवास्तव, एनेस्थेसिया विशेषज्ञ डॉ. प्रशांत यशवंते सहित वस्कुलर सर्जन, जनरल सर्जन, प्लास्टिक सर्जन, विशेषज्ञों की 10 डॉक्टरों की टीम थी।
ऐसे किया ऑपरेशन
न्यूरो सर्जन डॉ. सौरभ श्रीवास्तव ने बताया कि ऐसे केस में सीटी स्कैन में अर्टिफेक्ट आ जाता है, इसलिए चोट का सही अंदाजा लगा पाना मुश्किल होता है। पहले स्किन को हटाकर हड्डी को हटाया। इस स्थान पर एक मिडिल मेनिंजन आर्टरी होती है। वो रप्चर थी, जिसको रिपेयर किया। अंदर जितना ब्लड का क्लॉट था, उसे निकाला फिर उस जगह ड्यूरा की लेयर होती है, जिसे रिपेयर किया। यह ऑपरेशन करीब 4 घंटे चला। मरीज को आईसीयू में शिफ्ट किया गया। फिलहाल मरीज की स्थिति बेहतर है।
कुछ दिन अहम
नर्मदा ट्रामा सेंटर के संचालक ऑर्थोपेडिक, स्पाइन सर्जन व ट्रामेटोलॉजिस्ट डॉ. राजेश शर्मा ने बताया कि मरीज को गंभीर अवस्था में लाया गया था। उसका तत्काल ऑपरेशन किया गया। कुल्हाड़ी का वार दिमाग के उस हिस्से को छूकर गया है, जो सोचने समझने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अगले कुछ दिन मरीज के लिए महत्वपूर्ण हैं।
अज्ञात लोगों ने किया हमला
महिला के भतीजे अभिषेक दांगी ने बताया कि मंगलवार-बुधवार की दरमियानी रात जब घर के सभी लोग जगराते में थे, तभी किसी अज्ञात व्यक्ति ने चाची के सिर पर कुल्हाड़ी से वार कर दिया। चाची ने घर में सो रही छोटी बेटी को किसी तरह उठाया। उसने मंदिर आकर घटना की सूचना हमें दी। हमने सिरोंज के अस्पताल में प्राथमिक उपचार करवाकर उन्हें नर्मदा ट्रामा सेंटर लेकर आए।
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