राजधानी के प्रतिष्ठित भोपाल चैंबर ऑफ एंड इंडस्ट्री के चुनाव पर संशय की स्थिति बनी हुई है। कोरोना का हवाला देकर बैरागढ़/शाहजहांनाबाद SDM मनोज उपाध्याय ने 26 अगस्त को चुनाव पर रोक लगाई थी। इससे चुनाव लड़ने वाले व्यापारिक पैनलों में निराशा छा गई, लेकिन उन्हें सरकार की नई गाइडलाइन में छूट मिलने की उम्मीद थी, जो नहीं दी गई है। ऐसे में अब प्रत्याशी कमिश्नर-कलेक्टर से मिलकर फिर अपनी बात रखेंगे।
गणेशोत्सव को देखते हुए गृह विभाग ने गुरुवार को नई गाइडलाइन जारी की है। इसमें जुलूस-चल समारोह पर रोक लगाई गई है। वहीं पुराने प्रतिबंध जारी रखे गए हैं। इससे साफ है कि चुनाव पर रोक लगी रहेगी। हालांकि, प्रत्याशियों को उम्मीद है कि जिला प्रशासन की गाइडलाइन में चुनाव को लेकर छूट दी जा सकती है। प्रगतिशील पैनल की तरफ से अध्यक्ष पद के प्रत्याशी तेजकुलपाल सिंह पाली का कहना है कि कमिश्नर-कलेक्टर से मुलाकात करेंगे और मतदान कराने की मांग रखेंगे। आने वाले समय में डिस्ट्रीक बार एसोसिसएशन के चुनाव भी होने हैं।
गृह विभाग की गाइडलाइन में यह
गणेशोत्सव को लेकर प्रतिबंध लगाए गए हैं। साथ ही पुराने प्रतिबंधों को जारी रखा गया है। जिसमें कोरोना को देखते हुए भीड़ एकत्रित न करने की बात कही गई है।
SDM ने रोक का ये बनाया था आधार
SDM उपाध्याय ने शिकायत के बाद चुनाव पर रोक लगाई थी। आदेश में कहा गया था कि सरकार ने 31 अगस्त तक कोरोना से जुड़े प्रतिबंध लागू रखे हैं। संगठन में 2962 सदस्य है। वहीं 4 पैनल के 53 प्रत्याशी मैदान में है। ऐसे में बड़ी संख्या में मतदाता व्यापारी मौजूद रहेंगे। जिससे कोरोना की गाइडलाइन का पालन होना मुश्किल है। रोक के बाद 27 अगस्त को प्रगतिशील पैनल के प्रत्याशी कमिश्नर कवींद्र कियावत व कलेक्टर अविनाश लवानिया से मिले थे और चुनाव कराने की मांग रखी थी।
29 अगस्त को होनी थी वोटिंग
चुनाव में परिवर्तन, सद्भावना, प्रगतिशील एवं व्यापारी का साथ, सबका विकास पैनल के 55 प्रत्याशी मैदान में थे। वे 24 पदों के लिए चुनाव लड़ रहे थे। इनमें अध्यक्ष समेत 3 उपाध्यक्ष, 1 महामंत्री, 2 मंत्री, 1 कोषाध्यक्ष, 1 सह-कोषाध्यक्ष और 15 कार्यकारिणी शामिल हैं। हालांकि, परिवर्तन, सद्भावना एवं प्रगतिशील पैनल के बीच ही मुख्य मुकाबला था। इससे पहले ही चुनाव पर रोक लगा दी गई। वोटिंग 29 अगस्त को लैंड मार्क मैरिज गार्डन हलालपुर में होनी थी।
कमिश्नर-कलेक्टर से मुलाकात करने वाले प्रत्याशियों का कहना था कि कोरोना गाइडलाइन को देखते हुए ही 4-5 एकड़ में फैले गार्डन में वोटिंग करा रहे थे। वोटिंग की टाइमिंग भी 10 घंटे रखी थी। ऐसे में गाइडलाइन का पूर्णत: पालन किया जाता। इधर, जानकारों का मानना है कि गाइडलाइन को देखते हुए ही चुनाव की तारीख तय की होती तो ये स्थिति नहीं बनती।
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