भाजपा के प्रदेश प्रभारी पी. मुरलीधर राव के ‘नालायक’ वाले बयान का पार्टी में अंदरूनी विरोध शुरू हो गया है। कुछ नेताओं ने टिप्पणी से बचते हुए इसकी शिकायत दिल्ली तक करने की बात की, लेकिन कुछ ने मुखर होकर कहा- ‘नालायक होते तो 6 बार चुनाव नहीं जीतते।’ छह बार के विधायक गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि राव ने किसी व्यक्ति विशेष के लिए यह नहीं कहा। वे किसी विचार या व्यवहार के संबंध में बोल रहे होंगे।
राव दे चुके हैं विवादित बयान
मुरलीधर राव पहले भी विवादित बयान दे चुके राव। उन्होंने एक बार प्रदेश की कोर कमेटी को अवैध बताया था। वहीं राजगढ़ की प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक में दो प्रदेश महामंत्रियों रणवीर सिंह रावत और भगवानदास सबनानी को कहा था कि पांच दिन के प्रवास की बात करते हो तो पद छोड़ दो। अब कहा कि, 4-5 बार से विधायक-सांसद मौका नहीं मिलने पर रोते हैं तो वे नालायक हैं। उन्हें कुछ नहीं मिलना चाहिए। राव ये भी बोले कि जावेद अख्तर जो आरएसएस की तुलना तालिबान से करते हैं। देश में ऐसे कई पागल हैं, जावेद भी वैसे ही है। इन्हें पागलखाने भेजने के अलावा हल नहीं।
राव ने ये कहा था... ‘राव ने 9 सितंबर को भोपाल में एक कार्यक्रम में बयान दिया कि 15, 16 या 17 साल से सत्ता में हैं। ये मामूली बात नहीं है। जब भी प्रवास पर जाता हूं तो देखता हूं कि चार बार-पांच बार से विधायक जीत रहे हैं। सांसद जीत रहे हैं। जनता के इतने आशीर्वाद के बाद भी रोते हैं कि उन्हें मौका नहीं मिल रहा। इसके बाद रोने के लिए कोई जगह नहीं है कि ये नहीं मिला, वो नहीं मिला। इसके बाद भी रोएंगे कि कुछ नहीं मिला तो उनसे नालायक आदमी कोई नहीं है। ऐसे लोगों को कुछ नहीं मिलना चाहिए।’
मध्यप्रदेश में कोई नालायक नहीं, सब लायक हैं...
नालायक होते तो थोड़े ही छह बार चुनाव जीतते। मैंने पार्टी से कभी कुछ नहीं मांगा। जब भी मिला, पार्टी ने दिया और भगवान से मिला। मप्र में कोई नालायक नहीं, सब लायक हैं।
- विधायक व पूर्व मंत्री पारस जैन (6वीं बार के विधायक)
किसी की दया पर राजनीति नहीं की, अपमानित होने नहीं आए
संदर्भ की जानकारी नहीं, लेकिन इस बात और भाषा से आपत्ति है। अपनी मेहनत, ईमानदारी और सिद्धांतों की वजह से 5 बार जीतकर आए हैं। किसी की दया पर राजनीति नहीं की। अपमानित होने के लिए नहीं आए। - विस पूर्व अध्यक्ष डॉ. सीतासरन शर्मा (5वीं बार विधायक)
अपमानित करने वाली अभिव्यक्ति, दुख हुआ
दो-तीन पीढ़ियों से पार्टी सेवा कर रहे हैं। तप किया है। विचारधारा सम्मान चाहती है। यह अपमानित करने वाली अभिव्यक्ति है। मन को दुख हुआ।
- राजेंद्र पांडे (तीसरी बार के विधायक, पिता स्व. लक्ष्मीनारायण पांडे 8वीं बार सांसद)
नेता ये भी बोले... बॉस इज ऑलवेज राइट; उनको अधिकार है
वे दूसरे प्रांत के हैं, इसलिए भाषा में कुछ अंतर रहा होगा। हिंदी-अंग्रेजी का भी फर्क हो सकता है। उनकी भावना ऐसा कुछ कहने की नहीं होगी। वैसे भी मप्र में सभी सीनियर नेताओं को मौका मिला है।
- पूर्व मंत्री व विधायक रामपाल सिंह (6 बार विधायक)
वे हिंदी बैल्ट के नहीं हैं। इसलिए शब्दों के चयन में गलती हो सकती है। उनकी मंशा होगी कि जो लोग पद या मंत्री नहीं बन पाते वे अनावश्यक पार्टी या नेतृत्व की आलोचना करते हैं। उन्हें इससे बचना चाहिए। - शैलेंद्र जैन ( तीन बार विधायक)
‘बॉस इज ऑलवेज राइट’, उनको अधिकार है। वो हमारे नेता हैं। रोक तो नहीं सकते, लेकिन इसमें बुरा मानने वाली बात नहीं है।
- पूर्व मंत्री अजय विश्नोई (4 बार विधायक)
उनकी मंशा क्या रही होगी नहीं जानता। कोई अर्थ लगाने की बजाए कहूंगा कि पार्टी हमारी मां है, मिशन है। उसी के लिए काम कर रहे हैं।
- पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ला (चार बार विधायक)
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