MP के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार के भाई से विवाद के बाद बैंककर्मी को दौड़ा-दौड़ाकर पीटने और शाजापुर पुलिस द्वारा कार्रवाई न किए जाने के विरोध में सिंधी सेंट्रल पंचायत ने शनिवार को भोपाल बंद का आह्वान किया था। इसका कई व्यापारिक संगठनों और समाज ने समर्थन किया है। दोपहर 2 बजे तक बैरागढ़, थोक किराना-लोहा बाजार, एमपी नगर और न्यू मार्केट की अधिकांश दुकानें बंद रही। अन्य बाजारों में भी दुकानें बंद रखी गई। दोपहर में सिंधी समाज के लोग CM शिवराज सिंह चौहान से मिलने और उनके बंगले का घेराव करने पहुंचे। उन्होंने मांग की कि दोषियों पर एफआईआर दर्ज की जाए।
थोक किराना बाजार दोपहर 2 बजे तक बंद रहा। भोपाल किराना व्यापारी महासंघ के महासचिव अनुपम अग्रवाल ने बताया कि जुमेराती, हनुमानगंज व जनकपुरी की थोक किराना दुकानें बंद रखी गई। पुराने शहर के अधिकांश बाजारों में व्यापारियों ने स्वेच्छा से दुकानें बंद रखी।
सिंधी सेंट्रल पंचायत के अध्यक्ष भगवानदेव इसरानी ने बताया कि शहर के अधिकांश हिस्सों में व्यापारियों ने बंद का समर्थन किया और स्वेच्छा से ही दुकानें बंद रखी। बैरागढ़, पुराने शहर व नए भोपाल के बाजारों में दुकानें बंद रही। दोपहर 2 बजे तक बंद करने का आह्वान किया गया था, जो सफल रहा है। सीएम हाउस का घेराव भी किया गया। वहीं मांग की गई कि शिक्षा मंत्री के भाई व समर्थकों के विरुद्ध केस दर्ज किया जाए।
अध्यक्ष इसरानी ने बताया कि बैंककर्मी नरेश फूलवानी के साथ स्कूल शिक्षा मंत्री परमार के भाई और उनके समर्थकों द्वारा बैंक के भीतर व बाहर मारपीट की गई थी, लेकिन दोषियों पर कार्रवाई करने की बजाय पुलिस ने नरेश पर ही केस दर्ज किया था और जेल भेज दिया था। दोषियों पर कार्रवाई करने के लिए शाजापुर में कलेक्टर-एसपी को ज्ञापन भी दिए गए, लेकिन कार्रवाई नहीं की गई। शासन-प्रशासन के इस रवैये के विरोध में शनिवार को बंद का आह्वान किया गया।
यह थी घटना
घटना 15 जुलाई को शाजापुर जिले के ग्राम पोचानेर स्थित सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के कर्मचारी नरेश फूलवानी के साथ हुई थी। ये गांव मंत्री परमार का गृह गांव है। नरेश और हरिप्रसाद परमार (70) का पासबुक बनाने के 150 रुपये लेने की बात पर कहासुनी हुई थी। नरेश पर आरोप था कि उसने बुजुर्ग हरिप्रसाद को धक्का देकर बाहर निकाल दिया। मामले में पुलिस ने नरेश पर केस दर्ज किया था और जेल भेज दिया था। हालांकि, 3 दिन बाद एक वीडियो सामने आया था। जिसमें नरेश को भीड़ द्वारा दौड़ा-दौड़ाकर पीटा जा रहा था। बुजुर्ग हरिप्रसाद मंत्री के भाई हैं। मामला शिक्षा मंत्री से जुड़ा होने से पुलिस ने दूसरे पक्ष पर कोई कार्रवाई नहीं की थी। इसलिए समाजजन विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
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