कांग्रेस नेता राहुल गांधी कन्याकुमारी से कश्मीर तक 3500 हजार किमी भारत जोड़ो यात्रा कर रहे हैं। मप्र की 2 महिला समेत 7 नेता उनके साथ हैं। इन नेताओं ने अपने अनुभव बताते हुए कहा, पैरों में छाले पड़ गए, नाखून उखड़ गए, लेकिन हम रुके नहीं। जैसे गांधी जी ने दांडी यात्रा कर देश को आजादी दिलाई थी, उसी प्रकार यह यात्रा भारत में फैली नफरत को खत्म कर प्यार का वातावरण बनाएगी।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का आज 46वां दिन है। 7 सितंबर को कन्याकुमारी से शुरू हुई यात्रा में मध्यप्रदेश के 7 नेता भी राहुल गांधी के साथ चल रहे हैं। मप्र से महिला कांग्रेस की उपाध्यक्ष नूरी खान, महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय समन्वयक प्रतिभा रघुवंशी, संगीता काकरिया, पीसीसी डेलिगेट सचिन द्विवेदी, मप्र यूथ कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता राहुल इनानिया, पूर्व जिला पंचायत सदस्य अजय भाई पटेल, सीहोर जिले के जिला पंचायत सदस्य विजेंद्र उइके करीब 1250 किलोमीटर की पदयात्रा कर चुके हैं। मप्र के भारत यात्रियों ने दैनिक भास्कर से अनुभव साझा किए...
नूरी खान बोलीं- एतिहासिक यात्रा होगी
एक साल पहले अगस्त 2021 में उज्जैन से भोपाल तक अगस्त क्रांति पदयात्रा की थी। ये मेरी पहली 350 किमी की पदयात्रा थी। जब पता चला कि राहुल गांधी कन्याकुमारी से कश्मीर तक भारत जोड़ो यात्रा करने वाले हैं, तो मुझे लगा कि कहां मेरी 350 किलोमीटर की यात्रा और कहां ये 3500 हजार किलोमीटर की पदयात्रा, कैसे कर पाऊंगी? लेकिन फिर सोचा- भारत के इतिहास में महात्मा गांधी के दांडी मार्च के बाद ये इस सदी की ऐतिहासिक पदयात्रा होगी।
निश्चय किया- यात्रा में जाऊंगी, लेकिन मन में दोनों बच्चों सोफिया और रेहान का ख्याल आया। दोनों के 12वीं के एग्जाम हैं। उनके पास रहना जरूरी लगा। विचार के बाद बच्चों ने कहा- आप पदयात्रा में जाओ। इसके बाद मैंने पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह से संपर्क किया। इंटरव्यू हुआ। इसमें कई तरह के सवाल पूछे गए। पूछा गया कि आप 5 महीने और इतनी लंबी दूरी की यात्रा के लिए समय दे पाएंगी। मैंने कहा- हां मैं इस पदयात्रा में पूरा समय दूंगी। प्रक्रियाएं पूरी करने के बाद 7 सितंबर को कन्याकुमारी से ये यात्रा शुरू हुई।
लोगों का प्रेम देखकर उत्साह बढ़ता जा रहा है। मेरे पैरों के नाखून उखड़ गए, छाले पड़ गए, लेकिन यात्रा में मैं रुकी नहीं हूं। मैं देखती हूं कि कन्याकुमारी में राहुल गांधी के चेहरे पर जो सौम्यता थी, वो अब संत के भाव के साथ उनके चेहरे पर आत्मविश्वास के रूप में झलकती है। ऐसा लगता है, जैसे सूरज की तपिश भी राहुल गांधी के सामने फीकी पड़ रही है। 150 दिन घर-परिवार, बच्चों से दूर रहना आसान नहीं है, लेकिन इस यात्रा को मिल रहा जनता का प्रेम प्रेरणा दे रहा है। इसी वजह से शरीर की तकलीफें अब नजर ही नहीं आतीं। जिस प्रकार से गांधी जी ने दांडी यात्रा कर देश को आजादी दिलाई थी, उसी प्रकार यह यात्रा भारत में फैली नफरत को खत्म कर प्यार का वातावरण बनाएगी।
(जैसा महिला कांग्रेस की प्रदेश उपाध्यक्ष नूरी खान ने दैनिक भास्कर को बताया)
बेटी के फर्स्ट बर्थडे के दिन राहुल गांधी ने वीडियो कॉल पर उसे बधाई दी...
मैं राहुल गांधी से प्रेरित होकर राजनीति में आया। मैंने युवा कांग्रेस से राजनीति की शुरुआत की। जैसे ही सुना कि 3500 किलाेमीटर की राहुल गांधी पदयात्रा करने वाले हैं। ठान लिया कि मैं भी इस यात्रा में शामिल रहूंगा। हजारों लोगों की तरह मैंने भी इंटरव्यू दिया। सिलेक्शन हो गया। परिवार ने चिंता जताई, लेकिन फिर हौसला देखकर सहमति दे दी। 21 अक्टूबर को बेटी का पहला बर्थडे था। जैसे ही, ये जानकारी राहुल गांधी को लगी, उन्होंने वीडियो कॉल कर बेटी को आशीर्वाद दिया।
पहले लग रहा था कि बेटी एक साल की हो रही है, उसके पहले जन्मदिन पर मैं उसके पास नहीं हूं, लेकिन जब राहुल गांधी और बाकी साथी साथियों ने उसे आशीर्वाद दिया, तो लगा कि इससे बड़ा जन्मोत्सव मेरी बेटी के लिए मैं नहीं कर सकता था। आज 45 दिन पूरे होने के बाद हम 1250 किलाेमीटर की पदयात्रा कर चुके हैं। यात्रा में हर राज्य के लोग जुड़ रहे हैं।
(जैसा सचिन द्विवेदी, पीसीसी डेलीगेट, ग्वालियर ने दैनिक भास्कर को बताया।)
हम धूप का सामना करते हैं, रात में कई बार बारिश हमारे बिस्तर गीले कर देती है...
मैं मूल रूप से गुना की रहने वाली हूं। मेरे पापा की जॉब की वजह से मेरी पढ़ाई खंडवा में हुई। यहीं से मैंने एनएसयूआई जॉइन करके छात्र राजनीति की शुरुआत की। मैं एनएसयूआई की जिलाध्यक्ष बनने के बाद युवा कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव, राष्ट्रीय सचिव बनी, वर्तमान में महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय समन्वयक हूं। परिवार में माता-पिता और भाई हैं। जब यात्रा की जानकारी पापा को हुई, तो उन्होंने कहा कि प्रतिभा तुम यात्रा में जाओ। पापा की रेटिना में प्रॉब्लम के कारण उन्हें दिखना कम हो गया है, इसलिए मैंने कहा- आपके पास रहकर इलाज कराना जरूरी है। तब उन्होंने कहा कि पॉलिटिकल करियर में ऐसा अवसर शायद अब कभी न आए, क्योंकि इतनी लंबी यात्रा कोई नेता पैदल नहीं करेगा। पापा की बात पर मैंने इस यात्रा के लिए इंटरव्यू दिए और बस चली आई।
7 सितंबर से जैसे ही यात्रा शुरू हुई, एक हफ्ते तक बहुत तकलीफें आईं। पैरों में छाले पड़ जाते थे। अंगूठे और उंगलियां सूज जाती थीं। एक डॉक्टर ने मुझे कहा कि पदयात्रा के दौरान ये समस्या डिहाइड्रेशन की वजह से हो रही है। आप लगातार पानी पीती रहिए। इसके बाद हर घंटे में पानी पीना चालू कर दिया। अब पैरों में छाले की समस्या से काफी हद तक राहत है। सुबह जैसे ही यात्रा शुरू होती है। अपने मां-पापा को ऑडियो मैसेज भेज कर सूचित कर देती हूं कि मैं ठीक हूं। दोपहर में जैसे ही यात्रा रुकती है, सबसे पहले माता-पिता से बात करती हूं।
अनुभव हुआ कि जिस प्रकार से बीजेपी की ट्रोल आर्मी ने राहुल गांधी के बारे में दुष्प्रचार कर झूठ फैलाया, उसे इसमें शामिल हो रहे लोग समझ रहे हैं। यात्रा में हम कई बार दिन में भीषण गर्मी और तेज धूप का सामना करते हैं, तो कभी ऐसे भी मौके आते हैं कि जैसे ही सोने के लिए टेंट में पहुंचते हैं। वहां पानी की बौछार हमारे बिस्तर गीले कर देती है। इस यात्रा के अनुभव अद्भुत हैं।
(जैसा प्रतिभा रघुवंशी, राष्ट्रीय समन्वयक महिला कांग्रेस ने दैनिक भास्कर को बताया)
राहुल की यात्रा में एमपी की 5 उपयात्राएं जुड़ेंगी
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा बुरहानपुर से मप्र में 20 नवंबर को प्रवेश कर सकती है। हालांकि, फाइनल डेट अभी तय नहीं हुई है। राहुल गांधी की इस यात्रा में मप्र से 5 उप यात्राएं जुड़ेंगी। इन उप यात्राओं की जिम्मेदारी कांग्रेस के नेताओं को दी गई है। खंड़वा, इंदौर, उज्जैन, आगर मालवा में ये सभी उपयात्राएं भारत जोड़ो यात्रा में जुड़ेंगी। यहां पढे़ें पूरी खबर
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