पचमढ़ी के नीमघान जंगल में पुलिया निर्माण कार्य में लगे युवक पर तेंदुए ने हमला कर दिया था। इससे उसका चेहरा बुरी तरह बिगड़ गया था। उसकी आंख और नाक के बीच की हडि्डयां टूट गई थीं। ब्लीडिंग के चलते ब्लॉकेज से सांस रुकने का खतरा था। घायल को भोपाल एम्स लाया गया। यहां डॉक्टरों ने टूटी हड्डियों को छोटी-छोटी प्लेट्स से जोड़ा। नाक को अंदर तक सही किया। आंखों को भी अपने स्थान पर लाया।
संजू नाम के व्यक्ति को 7 जनवरी को भोपाल एम्स लाया गया था। उस समय उसकी स्थिति अत्यंत नाजुक थी। उसे ट्रामा एंड इमरजेंसी के प्लास्टिक सर्जन डाॅ. राहुल दुबेपुरिया व उनकी टीम द्वारा स्टेबिलाइज करने के बाद इमरजेंसी प्लास्टिक सर्जरी एंड एनेस्थीसिया टीम ने उसकी 8 जनवरी को सर्जरी की। घायल का मुंह पूरी तरह नहीं खुल रहा था। इसलिए ब्रोंकोस्कोपिक तकनीक से उसे सांस की नली डाली गई। उसके चेहरे की फ्रैक्चर हुई हडि्डयों को मिनिप्लेट्स से जोड़ा गया। डॉक्टरों ने बताया कि वह स्वस्थ है। वह अब बोल भी पा रहा है। 10 दिन बाद अब उसे डिस्चार्ज भी कर दिया गया।
6 घंटे तक चला ऑपरेशन
ऑपरेशन करीब 6 घंटे तक चला। इसमें प्लास्टिक सर्जरी विभाग से डॉ. दीपक कृष्णा एवं उनकी टीम और एनेस्थीसिया विभाग से डॉक्टर वैशाली, डॉ. आशुतोष कौशल एवं उनकी टीम के डॉक्टर शामिल थे। प्लास्टिक सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. मनाल मोहम्मद खान ने बताया कि इस तरह के चेहरे की हडि्डयों के ऑपरेशन काफी जटिल होते हैं।
एम्स की अधीक्षक डाॅ. मनीषा श्रीवास्तव ने बताया कि एम्स के बर्न एंड प्लास्टिक सर्जरी विभाग में चेहरे की जन्मजात, एक्सीडेंट, कैंसर के बाद हुई सभी प्रकार की विकृति की कॉस्मेटिक और पुननिर्माण सर्जरी की सुविधा उपलब्ध है।
क्या होती है फेशियल इंजुरी
एक्सीडेंट के केस और जानवरों के काट लेने से चेहरे के विभिन्न अंग क्षतिग्रस्त हो जाते हैं, जिसका प्लास्टिक सर्जरी से सही किया जाता है। जिसमें फ्रैक्चर हुई हड्डियों को अपनी जगह फिर से जोड़ना, विभिन्न अंगों जैसे नाक, कान, पलकें व होंठ का पुननिर्माण शामिल है। जानवरों द्वारा की गई चोट में इस तरह का इलाज रेबीज और टिटनेस के वैक्सीनेशन के बाद किया जाता है।
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