MP में एक्टिव मानसून ने डैम-तालाबों की पानी से झोली भर दी है। भोपाल के जलस्रोतों की बात करें, तो अकेले केरवा डैम में ही 7 दिन के भीतर 6 फीट पानी बढ़ गया, जबकि कोलार और कलियासोत डैम में 3 फीट की बढ़ोतरी हुई। 15 फीट पानी और आने पर केरवा डैम लबालब हो जाएगा। हालांकि, भोपाल की लाइफ लाइन कहलाने वाले बड़ा तालाब में उम्मीद से कम पानी आया है। कैचमेंट एरिया में कम बारिश होने के कारण आधा फीट पानी ही आ सका। मौसम विशेषज्ञों का मानना है, लगातार दो-चार दिन तेज बारिश होने के बाद बड़ा तालाब समेत अन्य जलस्रोतों में अच्छा पानी जमा हो जाएगा।
बीते एक सप्ताह से मानसून एक्टिव है। शुरुआत 3-4 दिन तक तो बारिश की तेज झड़ी लगी। इस कारण मध्य प्रदेश के नदी और डैमों में अच्छा खासा पानी जमा हो गया। कई डैमों के तो गेट खोलने पड़े। भोपाल की करीब 25 लाख आबादी की प्यास बुझाने वाले कोलार, केरवा डैम व बड़ा तालाब का वॉटर लेवल भी बढ़ गया।
इतना बढ़ा वॉटर लेवल
कोलार डैम : राजधानी के करीब 50% हिस्से में कोलार के पानी की सप्लाई होती है। इस कारण डैम का वॉटर लेवल काफी मायने रखता है। कोलार की जलभराव क्षमता 1516 फीट है। वर्तमान में वॉटर लेवल 1483 पर पहुंच गया है। एक सप्ताह में इसमें 3 फीट पानी बढ़ा है। सीहोर जिले में अच्छी बारिश होने पर डैम में पानी जमा होगा।
केरवा डैम : सबसे ज्यादा पानी केरवा डैम में बढ़ा। डैम में 6 फीट पानी आ चुका है। डैम की कुल क्षमता 1672 फीट है, जो अब 1657 फीट हो गया है। हालांकि, लबालब होने में अभी भी 15 फीट पानी की जरूरत है। केरवा डैम से भी शहर में पानी की सप्लाई की जाती है।
कलियासोत डैम : इसमें 1645 फीट पानी आ चुका है। 14 फीट पानी और आने के बाद डैम लबालब भर जाएगा।
बड़ा तालाब में वॉटल लेवल 1660.60 फीट
बड़ा तालाब का वॉटल लेवल 1660.60 फीट है। एक सप्ताह पहले लेवल 1660.20 फीट था। यानि करीब आधा फीट पानी ही जमा हो पाया है। नगर निगम में बड़ा तालाब प्रभारी एमएल पंवार ने बताया कि तालाब के कैचमेंट एरिया में कम बारिश हुई। इस कारण कम पानी जमा हो गया। बता दें कि तालाब का केचमेंट एरिया 365 वर्ग किमी है। इसमें से 225 वर्ग किमी कोलांस नदी से भरता है। इसलिए जब भी सीहोर जिले में अच्छी बारिश होती है, तो कोलांस नदी में पानी आता है, जो बड़ा तालाब में पहुंचता है। कैचमेंट एरिया में कम बारिश हुई है।
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