चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग की अध्यक्षता में सुपर स्पेशियालिटी अस्पताल के संचालन, डॉक्टर्स की नियुक्ति, नए स्पेशियालिटी पाठ्यक्रम को प्रारंभ करने के संबंध में मंगलवार को मंत्रालय में बैठक हुई। इसमें इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर और रीवा में संचालित सुपर स्पेशियालिटी अस्पताल के नीति निर्धारण को री-डिजाइन करने के निर्देश मंत्री ने दिए।
सरकार का उद्देश्य सुपर स्पेशियालिटी चिकित्सकीय सुविधाओं को जनता तक पहुंचाने और सुपर स्पेशियलिटी के नए पाठ्यक्रम को प्रारम्भ कर चिकित्सकों को तैयार करना है। इसके लिए इन अस्पतालों के संचालन के लिए नीतिगत एकरूपता बहुत जरूरी है। बैठक में अस्पताल के संचालन सहित अकादमिक कार्य आदि पर भी चर्चा की गई।
मंत्री ने अन्य राज्यों में सुपर स्पेशियलिटी के लिए तैयार की गई नीति का अध्ययन कर 07 दिन में आयुक्त चिकित्सा शिक्षा को रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि संस्था का सुचारु संचालन हो, सुपर स्पेशियालिटी सीट्स मिलें और मरीज को समुचित इलाज की सुविधा प्राप्त हो सके। इस दिशा में प्रयासरत होना चाहिए। बैठक में राज्य सरकार द्वारा स्थापित स्कूल ऑफ एक्सीलेंस पर भी विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के संचालन के संबंध में प्रस्तुतीकरण भी दिया गया।
बता दें प्रदेश में इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और रीवा मेडिकल कॉलेज से संबंध सुपर स्पेशलिटी अस्पताल संचालित है। यहां एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी, डायलिसिस, इको समेत कई सुविधाएं है। यहां आने वाले समय में किडनी ट्रांसप्लांट, ओपन हार्ट सर्जरी की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी।
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