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मंगलवार-बुधवार की दरमियानी रात वक्त 3:17 बजे। हम गोविंदपुरा इंडस्ट्रियल एरिया के एच सेक्टर में बने भारती एयर प्रोडक्ट के कैंपस में हैं। यहां 7 क्यूबिक मीटर क्षमता वाले ऑक्सीजन के करीब 300 जंबों खाली सिलेंडर रखे हैं, जिनमें गैस भरी जानी है। प्लांट के कर्मचारियों के पास उन अस्पतालों से बार-बार फोन आ रहे हैं, जहां बुधवार सुबह ऑक्सीजन पहुंचाना बेहद जरूरी है। अस्पताल वाले बार-बार यही कह रहे हैं कि ऑक्सीजन की कमी मत होने देना, वरना यहां सांसें रुकना शुरू हो जाएंगी। और सप्लायर भी सामने वाले को एक ही जवाब दे रहा है- व्यवस्था बना रहे हैं।
बीच-बीच में कुछ अस्पतालों की एंबुलेंस भी आ रही हैं, जिनमें सिलेंडर रखकर अस्पताल भेजे जा रहे हैं। बता दें कि ये हालात इसलिए हैं क्योंकि भोपाल को गुजरात से मिलने वाली लिक्विड ऑक्सीजन की सप्लाई रुक गई है, इस कारण शहर के 100 बड़े-छोटे अस्पतालों को ऑक्सीजन देने वाला स्टैंडर्ड कॉर्बाेनिक्स प्लांट बंद हो गया है। अब इससे जुड़े डीलर इधर-उधर से जुगाड़ कर ऑक्सीजन अस्पतालों तक पहुंचा रहे हैं। ये जुगाड़ भारती एयर प्रोडक्ट से हो रही है। खास बात ये है कि यहां ऑक्सीजन को लाने-ले जाने की व्यवस्था देखने के लिए पुलिस और प्रशासन की टीमें भी 24 घंटे डटी हुई हैं। बुधवार को प्रशासन ने आश्वासन दिया कि कोई भी प्लांट संचालक ऑक्सीजन देने से इनकार नहीं करेगा।
स्मार्ट सिटी में वेंडर ने खड़े किए हाथ-घबराए डॉक्टर्स
बुधवार को सुबह स्मार्ट सिटी अस्पताल में ऑक्सीजन सपोर्ट पर 40 मरीज थे। ऑक्सीजन की जरूरत पड़ने से पहले प्रबंधन ऑक्सीजन सप्लायर के पास फोन लगाया। वेंडर ने ये कहते हुए हाथ खड़े कर दिए कि ऑक्सीजन की सप्लाई गुजरात से नहीं हुई है। मिलने पर दी जाएगी। ये बात सुनकर अस्पताल प्रबंधन घबरा गए। आनन-फानन में कलेक्टर के पास फोन पहुंचा। उन्होंने सप्लायर से बात की। स्थिति को देखते हुए चिरायु एयर प्रोडक्ट से 40 सिलेंडर की सप्लाई कराई गई। जबकि दिनभर में 105 ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत पड़ती है।
गैस गणित... 51 अस्पताल, 3012 ऑक्सीजन बेड और 1256 मरीज
शहर के 51 अस्पतालों में 3012 ऑक्सीजन बेड पर 1256 मरीज भर्ती हैं। इन्हें दिनभर में 5 लीटर ऑक्सीजन चाहिए। 103 मरीज वेंटिलेटर पर हैं और आईसीयू-एचडीयू के 1161 बेड में से 679 भरे हुए हैं। अस्पतालों में 2503 जंबो सिलेंडर 7 क्यूबिक मी. की जरूरत है, लेकिन बुधवार तक 2187 ही मिल पाए। 950 सिलेंडर खाली हैं। जबकि 1326 छोटे सिलेंडर में से 946 भरे हैं। इन अस्पतालों को अभी 89 किलोलीटर लिक्विड ऑक्सीजन चाहिए, जबकि आपूर्ति सिर्फ 51.8 किलोलीटर की हो रही है।
कीमत बढ़ाकर 15 से 22.50 कर दी
ऑक्सीजन की कमी का फायदा प्लांट संचालक उठा रहे हैं। जो जंबो सिलेंडर 140 रु. में बिक रहा था, वो अब 210 का बेच रहे हैं। लिक्विड ऑक्सीजन के दाम 15 रु. क्यूबिक मीटर से बढ़ाकर 22.50 रु. कर दिए हैं।
गड़बड़ी करने वालों पर कार्रवाई होगी
बुधवार को कलेक्टर अविनाश लवानिया भी गोविंदपुरा इंडस्ट्रियल एरिया पहुंचे। यहां उन्होंने आइनोक्स एयर प्रोडक्ट लिमिटेड के अफसरों से बात की। उन्होंने भारती एयर प्रोडक्ट से 24 घंटे सप्लाई रखने को कहा। यह भी कहा- गड़बड़ी हुई तो कार्रवाई करेंगे।
तीन किरदार... जिनके भरोसे शहर में ऑक्सीजन सप्लाई
आइनॉक्स एयर : नागपुर के बूटीबोरी प्रोडक्शन प्लांट से लिक्विड ऑक्सीजन गोविंदपुरा प्लांट में आती है। यहां बॉटलिंग और डिस्ट्रीब्यूशन प्लांट है। यहां से गैस फॉर्म में तब्दील कर बॉटलिंग में सप्लायर को देते हैं। शहर की 60% सप्लाई इसी कंपनी से है।
भारती एयर प्रोडक्ट : एकमात्र प्रोडक्शन प्लांट। रोजाना क्षमता 250 क्यूबिक मीटर यानी 857 जंबो सिलेंडर रोज भर सकते हैं। यहां स्टोरेज टैंक नहीं है। प्रोडक्शन कर सिलेंडर भरे जाते हैं। करेंट डिमांड नहीं होने पर प्लांट बंद रहता है। एक महीने से फुल कैपेसिटी से काम रहा।
चिरायु एयर प्रोडक्ट : खुद ऑक्सीजन नहीं बनाता, बल्कि ऑइनॉक्स से बल्क में कंडेस्ड लिक्विड ऑक्सीजन खरीदता है। खुद का स्टोरेज और बॉटलिंग प्लांट हैं। कंपनी के मैनेजर आलोक कुमार के मुताबिक हम हमीदिया, एम्स को सप्लाई करते हैं।
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