कोरोना की तीसरी लहर से लड़ने के लिए राज्य सरकार ने दो लाख इंजेक्शन, करीब 11 करोड़ टैबलेट का बफर स्टॉक कर लिया है। साथ ही सितंबर तक पांच हजार से अधिक डॉक्टर-नर्स और मेडिकल स्टाफ की भर्ती कर रहे हैं।
यह अनुमान दूसरी लहर के आधार पर लगाया गया है, जब रोजाना मिलने वाले मरीजों की संख्या का पीक 13 हजार 417 तक पहुंच गया था। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या यह स्टॉक काफी है? तीसरी लहर में यदि लापरवाही बढ़ती है तो विशेषज्ञों का अनुमान है कि यह पीक 15 हजार केस प्रतिदिन तक जाएगा, ऐसे में स्टॉक बमुश्किल एक महीने ही चल पाएगा। लेकिन स्वास्थ्य विभाग दावा कर रहा है कि कई कंपनियों के साथ एग्रीमेंट कर लिया है। जब चाहेंगे इंजेक्शन और दवा मिल जाएगी। एग्रीमेंट मध्यप्रदेश पब्लिक हेल्थ सर्विस काॅर्पोरेशन लिमिटेड के जरिए किया गया है। ऑक्सीजन प्लांट को लेकर सरकार की चिंता जरूर है, क्योंकि करीब डेढ़ सौ में से अभी तक 27 ही लग पाए हैं।
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