मानसून ने मध्यप्रदेश में टूरिस्ट्स स्पॉट की खूबसूरती बढ़ा दी है। बात चाहे भोपाल के 100 किलोमीटर के दायरे में स्थित अमरगढ़ वॉटरफॉल की हो या रातापानी सेंचुरी के दो झरनों की। रायसेन में 100 फीट की ऊंचाई से गिरते झरने का सुंदर नजारा देखते ही बनता है। इंदौर के पातालपानी में भी टूरिस्ट प्रकृति के नजारों को कैमरे में रिकॉर्ड करने पहुंच रहे हैं। इन 'ब्यूटी ऑफ नेचर' के पास में टूरिस्ट की भीड़ लगी है। चारों ओर छाई हरियाली, कल-कल बहता पानी और 150 फीट तक ऊंचे झरने सबका मन मोह रहे हैं। आइए, आपको इन वॉटरफॉल और टूरिस्ट स्पॉट के बारे में बताते हैं...।
भोपाल में रातापानी सेंचुरी में दो वॉटरफॉल
रातापानी सेंचुरी में दो झरने बहते हैं। पहली बार रातापानी सेंचुरी प्रबंधन ने दोनों झरने पर्यटकों के लिए कानूनी तौर पर खोल दिए हैं। अब पर्यटक वॉटरफॉल तक सुरक्षित तरीके से पहुंच सकेंगे। इसके लिए 12 रुपए प्रति व्यक्ति फीस देना होगी। यहां पर्यटकों की सुरक्षा के लिए फॉरेस्ट गार्ड की तैनाती के साथ सिक्योरिटी इक्विपमेंट लगाए गए हैं।
ऐसे पहुंच सकते हैं रातापानी सेंचुरी
रातापानी सेंचुरी के अधीक्षक सुनील भारद्वाज ने बताया कि एक वॉटरफॉल देलाबाड़ी रेंज में है। इसे भदभदा वॉटरफॉल कहते हैं। यह औबेदुल्लागंज से करीब 16-17 किलोमीटर दूर देलाबाड़ी घाट के पास युद्ध बंदी शिविर के सामने हैं। इसके लिए मुख्य सड़क से करीब 200 मीटर दूर जाना होगा है। भदभदा वॉटरफॉल करीब 30 फीट की ऊंचाई से पानी गिरता है। बरखेड़ा रेंज में एक दूध झरना है। यह शाहगंज रोड पर स्थित है। यह झरना भी मुख्य सड़क से 200 मीटर की दूरी पर स्थित है।
रायसेन में 100 फीट ऊंचा झरना
रायसेन जिले में सेहतगंज के पास महादेव पानी के झरनों का आनंद लेने हजारों टूरिस्ट पहुंचते हैं। बारिश के साथ ही महादेव पानी झरना शुरू हो गया है। महादेव पानी पर लगभग 100 फीट की ऊंचाई से पानी गिरता है। यहां हर रोज 1 हजार से 3 हजार पर्यटक पहुंच रहे हैं। सोमवार को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर यहां सामान्य दिनों की अपेक्षा 30 प्रतिशत पर्यटक ज्यादा पहुंचे।
ऐसे पहुंच सकते हैं महादेव पानी
यह भोपाल से करीब 25 और रायसेन से 22 किलोमीटर दूर है। खाने-पीने का सामान साथ में ले जाएं। अपने निजी वाहन से भी टूरिस्ट स्पॉट पर आ-जा सकते हैं।
इंदौर के पातालपानी में पर्यटकों की भीड़
इंदौर के महू के पास पर्यटक स्थल पातालपानी है। यहां पहाड़ों में से बह कर आने वाला पानी झरने में जाकर रौद्र रूप ले लेता है। इस झरने को देखने के लिए प्रदेश के कई शहरों से सैलानी आते हैं। झरने के पास में ही अंग्रेजों के द्वारा बनाए गए रेलवे ट्रैक और रेलवे ब्रिज भी मौजूद है। साथ ही, 4 बोगदे भी इस मार्ग पर आते हैं। इन बोगदे का निर्माण अंग्रेजी शासनकाल में हुआ था।
ऐसे पहुंच सकते हैं पातालपानी
इंदौर जिले से लगभग 30 किलोमीटर दूर यह पर्यटक स्थल आता है। यहां पहुंचने के लिए महू होते हुए कोदरिया गांव से जाना पड़ता है। उसके बाद चोरड़िया पंचायत में यह पिकनिक स्थल आता है। खाने-पीने का सामान भी ले जा सकते हैं।
हरदा में है गोराखाल जलप्रपात
हरदा जिला मुख्यालय से करीब 50 किलोमीटर की दूरी पर रहटगांव फॉरेस्ट रेंज में वन ग्राम गोराखाल के पास प्राकृतिक सौंदर्य का अद्भुत नजारा देखने को मिलता है। यहां करीब 150 फीट की ऊंचाई से झरने से पानी गिरता है। यहां पर्यटकों को पहाड़ी से नीचे उतरने के लिए वन विभाग ने सीढ़ियों का निर्माण करा दिया है। वहीं, अन्य निर्माण कार्य चल रहा है। वन विभाग ने यहां आने वाले पर्यटकों की सुविधाओं को ध्यान में रखकर निर्माण कार्य कराया जा रहा है।
ऐसे पहुंच सकते हैं
यह बैतूल जिले से करीब 100 किलोमीटर की दूरी पर है। यहां सैलानी इंदौर-बैतूल नेशलन हाईवे से आकर रहटगांव होते हुए पहुंच सकते हैं।
सैलाना में केदारेश्वर झरना
तेज बारिश के बाद सैलाना का प्रसिद्ध केदारेश्वर झरना पूरे वेग के साथ बहने लगा है। पहाड़ी क्षेत्र में हो रही मूसलाधार बारिश के बाद केदारेश्वर झरना उफन रहा है। झरने के ठीक नीचे स्थित भगवान शिव का प्राचीन मंदिर पूरी तरह जलमग्न हो गया है। झरने में अचानक आए उफान के बाद बड़ी संख्या में लोग यहां सैर सपाटे के लिए भी पहुंच रहे हैं। हालांकि, प्रशासन ने जिले के सभी पिकनिक स्पॉट और जल स्रोतों पर अलर्ट जारी किया हुआ है।
ऐसे पहुंच सकते हैं केदारेश्वर
रतलाम जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर की दूरी पर बांसवाड़ा रोड पर सैलाना गांव है। यहां प्राचीन शिव मंदिर है। इस मंदिर पर बने केदारेश्वर वॉटरफॉल तक रतलाम से बस से जाया जा सकता है।
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