MP में बिजलीकर्मियों की स्ट्राइक खत्म!:यूनाइटेड फोरम ने वापस लिया समर्थन; संयोजक बोले-राष्ट्रीय पर्व के चलते फैसला लिया

भोपाल2 महीने पहले
बिजलीकर्मियों ने मंगलवार को कार्य बहिष्कार किया था। बुधवार को उन्होंने समर्थन वापस ले लिया।

मध्यप्रदेश के 70 हजार से ज्यादा बिजलीकर्मी मंगलवार को काम बंद हड़ताल पर चले गए थे। इससे भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर समेत प्रदेशभर में बिजली से जुड़ी सेवाएं ठप हो गई थीं। बुधवार को फोरम ने अचानक काम पर लौटने का फैसला लिया और आउटसोर्स संगठन से अपना समर्थन वापस ले लिया। संयोजक केएस परिहार का कहना है कि राष्ट्रीय पर्व के चलते काम पर लौटने का फैसला लिया है। कुछ दिन बाद वापस संगठित होकर चर्चा कर आंदोलन करेंगे।

बता दें कि संविदा एवं आउटसोर्स कर्मचारी 21 जनवरी से अनिश्चितकालीन आंदोलन कर रहे हैं। उनकी बुधवार को भी हड़ताल जारी है। न्यू मार्केट स्थित राम मंदिर में सद्बुद्धि के लिए वे यज्ञ भी कर रहे हैं। दूसरी ओर, यूनाइटेड फोरम ने हड़ताल से अपना समर्थन वापस ले लिया।

यूनाइटेड फोरम ने इन मांगों को लेकर कार्य बहिष्कार किया था।
यूनाइटेड फोरम ने इन मांगों को लेकर कार्य बहिष्कार किया था।

कर्मचारियों की यह हैं मांगें

  • संविदा बिजलीकर्मियों को तुरंत नियमित किया जाए।
  • आउटसोर्स कर्मचारियों को संविलियन करते हुए कार्यावधि एवं वरिष्ठता के अनुसार वेतनवृद्धि प्रदान करते हुए उनके भविष्य को सुरक्षित करने की नीति बनाई जाए। 20 लाख रुपए तक दुर्घटना बीमा भी कराया जाए।
  • पुरानी पेंशन बहाल की जाए। ताकि, रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी और उनके परिवार का भविष्य सुरक्षित हो सके।
  • वेतन विसंगतियों को दूर करने के लिए कमेटी बनाई जाए।
  • कई वर्षों से लंबित फ्रिंज बेनिफिटस का पुर्ननिरीक्षण करते हुए सभी अधिकारी-कर्मचारियों एवं पेंशनर्स के लिए केसलेस मेडिक्लेम पॉलिसी लागू की जाए।

संगठित होकर आंदोलन करेंगे
फोरम के संयोजक परिहार ने बताया कि कल्याण संघ एवं आउटसोर्स संघ द्वारा 21 जनवरी से पूर्ण कार्य बहिष्कार किया जा रहा था। फोरम ने भी 24 जनवरी को समर्थन दिया था, लेकिन अन्य संगठनों ने समर्थन नहीं दिया गया। वहीं, तोड़ने के भी प्रयास किए जा रहे हैं। इससे नियमित कर्मचारियों से लगातार ड्यूटी कराई जा रही है। यह ठीक नहीं है। कल राष्ट्रीय दिवस भी है। दूसरी ओर आंदोलन के प्रति शासन-प्रशासन का कड़ा रवैया है। इसके चलते फोरम के पदाधिकारियों ने निर्णय लिया है कि जिन संगठनों को समर्थन दिया था, उसे स्थगित कर दिया है। वहीं, अपील की गई है कि अन्य संगठन भी हड़ताल को स्थगित करें। कुछ दिनों बाद संगठित होकर चर्चा करेंगे और फिर से आंदोलन करेंगे।