मई की शुरुआत होते ही मप्र में पानी की राशनिंग शुरू हो गई है। राजधानी भोपाल समेत इंदौर और उज्जैन में ही लोगों को 48 घंटे के बाद पीने का पानी मिल रहा है। यह स्थिति भी तब है, जब अमृत प्रोजेक्ट चल रहे हैं। पानी की किल्लत की गाज नगरीय निकायों में प्रोजेक्ट से जुड़े कॉन्ट्रैक्टर और कंसलटेंट पर गिरेगी। भोपाल के पांच नगरीय निकायों, इंदौर और उज्जैन के दो-दो और ग्वालियर के एक निकाय में दो दिन छोड़कर पानी की सप्लाई हो रही है। कई जगह टैंकर से पानी भिजवाया जा रहा है।
मंत्री ने कहा- देरी करने वाले कॉन्ट्रैक्टरों को हटाओ
लोगों की नाराजगी बढ़ने के बाद नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने आनन-फानन में शुक्रवार को बैठक में अफसरों को क्लास ली। उन्होंने कहा कि नगरीय निकायों में पानी से जुड़े प्रोजेक्ट में देरी करने वाले कॉन्ट्रैक्टरों को हटाने और ब्लैक लिस्ट करने की कार्रवाई तुरंत की जाए। अब पानी की समस्या किसी भी नगरीय निकाय में नहीं होना चाहिए। जहां भी जरूरत हो, पानी के टैंकर भिजवाए जाएं। पेयजल की आपूर्ति तुरंत होनी चाहिए।
इन पर हुई कार्रवाई
मंत्री ने पानखेडी (कालापीपल) में अमृत योजना के काम में देरी पर कंसल्टेंट और कॉन्ट्रैक्टर को ब्लैक-लिस्ट करने के निर्देश दिए। एक अधीक्षण यंत्री को 2 दिन मंडीदीप में कैंप कर काम में तेजी लाने और पुराने कॉन्ट्रैक्टर को ब्लैक-लिस्टेड करने की बात कही।
अब ग्वालियर में रोज पानी ग्वालियर में छह साल बाद एक अप्रैल 2022 से रोज पानी की सप्लाई शुरू हो पाई है। मंत्री ने कहा कि कटनी और न्यूटन चीचली में भी पानी की दिक्कत आ रही है। उसे तुरंत ठीक किया जाए। प्रमुख सचिव मनीष सिंह ने कहा मेघनगर में पानी की व्यवस्था 15 दिन में सुधारें।
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