कोरोना के बाद अब स्कूल, कॉलेज और कोचिंग सेंटर खुल गए हैं। इसके बाद अभी ऑनलाइन पढ़ाई पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है। सबसे बड़ी चुनौती प्रतियोगी परीक्षाओं को फेस करने की है। चाहे वह कोई भर्ती परीक्षा हो या फिर MBBS, इंजीनियर या दूसरे एग्जाम। इसके लिए यह जानना जरूरी है कि किस तरह से इसकी तैयारी करें, ताकि सफलता हासिल की जा सके। आइए जानते हैं एक्सपर्ट रणधीर सिंह (आकाश इंस्टीट्यूट, भोपाल के असिस्टेंट डायरेक्टर) से...
रणधीर सिंह का कहना है कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी से लेकर एग्जाम के दिन तक हर एक बात का ध्यान रखना जरूरी होता है। सबसे पहले तो यह तय करना जरूरी है कि आप क्या करना चाहते हैं। ऐसे में चार बिंदुओं पर अगर तैयारी की जाए, तो लक्ष्य हासिल करना आसान और रोमांचक हो जाता है। समय पर सही निर्णय लेने से न तो तनाव रहता है और न ही रिजल्ट ही डरा पाता है।
इन 4 बातों को जानना जरूरी
उदाहरण के लिए नीट एग्जाम से समझें
NEET एग्जाम क्या है। यह मेडिकल एंट्रेंस टेस्ट है। इसमें पास होकर MBBS के लिए क्वालीफाई किया जाता है। इसमें चार विषय फिजिक्स, मिस्ट्री, बॉटनी और जूलॉजी आते हैं। सेक्शन ए में 35 सवाल आते हैं। सभी करना जरूरी है, लेकिन सेक्शन बी में 15 सवालों में से 10 करना जरूरी होता है। सभी में कुल 50-50 में से 45-45 सवाल करना होता है। कुल 200 में से 180 सवालों के जवाब देना होता है। सही जवाब पर 4 नंबर और गलत होने पर एक नंबर 1 कट जाता है। कुल 720 नंबर बनते हैं।
विषय को जानना जरूरी
जैसी NEET की तैयारी कर रहे हैं, तो समझें कि नीट के लिए जरूरी सवाल कहां से आते हैं। इसमें NCERT का सिलेबस रहता है। इसी से सवाल आते हैं, इसलिए अगर स्टूडेंट्स ने NCERT अच्छे से पढ़ी है, तो नीट क्लीयर कर लेगा।
बाउंड्रीलाइन बनाएं
सवाल उठता है कि NEET के लिए या किसी भी परीक्षा के लिए बाउंड्रीलाइन कैसे तय करें। कई बच्चे यहां-वहां से काफी कुछ पढ़ लेते हैं। उसका परीक्षा से लेना देना नहीं होता है, इसलिए बाउंड्री लाइन बनाना जरूरी है। एक्सपर्ट से बात करें। पहले हुई परीक्षा के पैटर्न को समझें।
कटऑफ मार्क्स और टारगेट फिक्स करना जरूरी
परीक्षा में जाने से पहले यह जान लें कि उस परीक्षा का कटऑफ मार्क्स क्या है। पिछले सालों में कितने मार्क्स तक गया है। चयनित मार्क्स क्या हैं। यह अंक कहां से और कैसे हासिल होंगे। एक बार टारगेट फिक्स कर लें। उसके बाद उस टारगेट तक पहुंचने के लिए छोटे-छोटे टारगेट को फेस करें। जैसे, सिलेबस को चार से पांच हिस्सों में बांट लें। पहले 20% की तैयारी करें। उसका पेपर हल करें। इसी तरह कोर्स को पूरा करें।
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