मध्यप्रदेश के 70 हजार से ज्यादा बिजलीकर्मी मंगलवार से हड़ताल पर चले गए। यूनाइटेड फोरम फॉर पावर इंप्लाइज एवं इंजीनियर्स के बैनरतले उन्होंने कामों का बहिष्कार कर दिया। वे न तो लाइन फॉल्ट सुधार रहे हैं और न ही नए बिजली कनेक्शन दे रहे। ऐसे में आम लोगों के सामने मुश्किलें बढ़ जाएंगी। मंगलवार सुबह 11 बजे से भोपाल के गोविंदपुरा में धरना भी दिया जा रहा है। आउटसोर्स कर्मचारी पहले ही हड़ताल पर चल रहे हैं। जिसका समर्थन भी यूनाइटेड फोरम कर चुका है। इधर, हड़ताल पर ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि बैठकर चर्चा करेंगे।
संविदा एवं आउटसोर्स कर्मचारी 21 जनवरी से अनिश्चितकालीन आंदोलन कर रहे हैं। यूनाइटेड फोरम ने उनका समर्थन किया है। फोरम के प्रवक्ता लोकेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि 24 जनवरी से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया है। प्रदेश के बोर्ड, नियमित, संविदा एवं आउटसोर्स कर्मी अपनी मांगों को पूर्ण कराने के संबंध में महाआंदोलन में शामिल हो रहे हैं। भोपाल के गोविंदपुरा में धरना प्रदर्शन शुरू किया है।
ये काम होंगे प्रभावित
कर्मचारियों की यह मांगें
एनआरआई मीट के चलते पहले स्थगित हो चुकी हड़ताल
फोरम के प्रदेश संयोजक केएस परिहार ने बताया कि इससे पहले 6 जनवरी को अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने वाले थे, लेकिन में एनआरआई मीट के चलते यह स्थगित कर दी गई थी। हमें आश्वासन दिया गया था कि 15 दिन के भीतर मुख्यमंत्री के समक्ष बैठक कराई जाएगी, लेकिन यह अवधि बीत गई। अब तक कोई बैठक नहीं हुई और न ही मांगों पर विचार किया गया। इसी बीच 21 जनवरी से आउटसोर्स कर्मचारियों ने हड़ताल शुरू कर दी है। वे कार्यों का बहिष्कार कर रहे हैं। फोरम उनकी मांगों का समर्थन करता है। मंगलवार से हमने भी कार्यों का बहिष्कार शुरू कर दिया।
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