खाद्य सामग्री से लेकर हर चीज के रेट बढ़ने से महंगाई के कारण लोग परेशान है। खाद्य तेल, दालें सहित पेट्रोल और डीजल के दाम बेहताशा बढ़ गए हैं। आम लोग भी मंहगाई की मार से परेशान हैं। दालों के रेट 90 से 100 रुपए के बीच चल रहे हैं तो वहीं खाद्य तेल 26 से 32 रुपए लीटर तक बढ़ चुके हैं।
पेट्रोल 109.77 रुपए और डीजल 98.72 रुपए प्रति लीटर पर पहुंच गया। इसके चलते आम आदमी परेशान हैं। प्रदेश हो या केंद्र सरकार मंहगाई को कम करने की ओर किसी का ध्यान नहीं है। आम लोगों को इन परेशानियों को लेकर बुधवार को युवा कांग्रेस के बेनर तले बुधवार को महामाया चौक पर ताली और थाली बजाकर विरोध दर्ज कराया गया।
इस दौरान ब्लॉक कांग्रेस के अध्यक्ष मनोज अग्रवाल और युवा कांग्रेस के अध्यक्ष मालवीय ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब कोरोना को भगाने के लिए ताली और थाली बजाने के आव्हान किया था, अब हम ताली और थाली बजाकर उनसे महंगाई को भगाने के लिए आव्हान कर रहे हैं। इस दौरान कांग्रेस नेता हकीम उद्दीन मंसूरी, जावेद अहमद, गुड्डा बघेल, वसीम अहमद, राजू महेश्वरी मौजूद थे।
हर जगह महंगाई की मार
दो पहिया वाहनों पर बढ़े: 1500 से 2500 रुपए
महंगाई की मार दो पहिया वाहनों पर भी पड़ी है। वाहन की कीमत के साथ ही स्पेयर पार्ट्स और ऑयल के दाम भी बड़े हैं। दो पहिया वाहन कि डीलर कुणाल कांकर के मुताबिक 1 जुलाई से दो पहिया वाहन भी मंहगे हो गए हैं। दो पहिया वाहनों के अलग-अलग माडलों पर 1500 रुपए से लेकर 2500 रुपए तक की बढ़ोतरी हुई है।
कपड़ों के रेट भी बढ़े: 100 रुपए तक बढ़ गए
रेडिमेड कपड़े की दुकान संचालित करने वाले मुकेश शर्मा के मुताबिक रेडिमेड कपडे के सभी की दामों में बढ़ोतरी हुई है। अंडर गार्मेंट्स को जो बॉक्स 600 रुपए में आता था, अब वह 700 रुपए में मिल रहा है। इसी तरह दूसरे रेडिमेड कपड़ों पर प्रति जोड़ 50 रुपए से लेकर 100 रुपए तक की बढ़ोतरी हुई है।
बसों का किराया भी बढ़ा: 8 से 10 रुपए तक की बढ़ोतरी
लॉक डाउन के दौरान बस संचालकों के मांग पर शासन द्वारा किराए में किराए में 25 फीसदी की वृद्धि कर दी थी। इस तरह से विदिशा और रायसेन के बीच का बस किराया 39 रुपए से बढ़कर 47 रुपए पर आ गया। इसी तरह से दूसरी सभी जगह का बस किराया बढ़ाया गया है। बस संचालक ज्ञान मालवीय के मुताबिक बढ़े हुए किराए के बावजूद डीजल के रेट बढ़ जाने से बसों का संचालक मुश्किल हो रहा है।
माल भाड़ा: भी 10 से 15 प्रतिशत तक बढ़ गया
शहर के अनाज व्यापारी मिथलेश सोनी के मुताबिक इन दिनों माल भेजने के लिए ट्रक ही बमुश्किल मिल रहे हैं। पहले एक क्विंटल अनाज का भाड़ा 100 रुपए लिया जाता था। अब 10 से 15 प्रतिशत भाड़े में बढ़ोतरी की जा चुकी है। इसके चलते एक क्विंटल माल का भाड़ा 115 रुपए चुकाना पड़ रहा है। इससे माल की कीमत भी बढ़ रही है। इससे आम लोगों को मंहगाई की मार झेलना पड़ रही है।
खेती भी मंहगी: 1500 रुपए प्रति हेक्टेयर बढ़ गई है फसल की लागत
किसान मिट्ठूलाल मीणा के मुताबिक एक साल पहले 72 रुपए प्रति लीटर डीजल का रेट था। अब बढ़कर 99 रुपए प्रति लीटर पर ही पहुंच चुका है। डीजल के दाम बढ़ने से खेती की लागत भी बढ़ गई है। एक हेक्टेयर रकबे में चार बार की हकाई से लेकर खेत तैयार करने से लेकर थ्रेसिंग के काम में करीब 1500 रुपए की लागत बढ़ गई है। इससे डीजल के दामों ने किसानों को बजट बिगाड़ दिया है।
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