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पीलूखेड़ी औद्याेगिक क्षेत्र में देशी शराब की फैक्ट्री में फसल की पैदावार बढ़ाने में काम आने वाली नीम काेटेड यूरिया की 92 बोरी पकड़ाई हैं। शनिवार शाम काे कृषि विभाग के दल की छापामार कार्रवाई में यह यूरिया बरामद की गई। यूरिया के सैंपल लेकर सील कर दिया गया है। इसका प्रयाेग शराब बनाने के लिए किया जा रहा था या अन्य कार्य में इसका पता जांच के बाद ही चल सकेगा। कार्रवाई देर शाम तक जारी रही कार्रवाई में फैक्ट्री में काम कर रहे लोग इस संबंध में कुछ नहीं बता पाए।
देशी शराब बनाने वाली विंध्याचल आसवानी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की फैक्ट्री है। इसमें नीम काेटेड यूरिया रखे हाेने की कृषि विभाग के अधिकारियाें काे सूचना मिली थी। इसके बाद कृषि विभाग के सहायक संचालक प्रहलाद सिंह बारेला के साथ आरएस साेलंकी, वीडी खान, उर्वरक निरीक्षक लक्ष्मीनारायण विश्वकर्मा, जेपी वर्मा, एएल राठौर फैक्ट्री के निरीक्षण के लिए पहुंचे तो वहां यूरिया का ढेर मिला। जब उन्होने तहकीकात की तो सभी मौजूद लोग मामले को लेकर अनदेखा करने लगे। इसके बाद अमले ने एसडीएम नरसिंहगढ़ सहित अन्य अधिकारियों को सूचना दी। मौके पर पटवारी सहित अन्य अमले को बुलाकर पंचनामा तैयार किया।
एक्सपर्ट कमेंट...यीस्ट की जगह यूरिया का प्रयोग है घातक
शराब बनाने की प्रक्रिया में जिस सामग्री से भी शराब बनाई जाती है उसे यीस्ट मिलाकर सड़ाया जाता है। लहान बनने पर उसे उबालकर भाप के जरिए शराब निकाली जाती है।
कुछ जगह अवैध तरीके से ईस्ट (महंगा पदार्थ) की जगह यूरिया का प्रयाेग किया जाने लगा है। खाद्य और पेय पदार्थाें में इसका दुरुपयोग राेकने के लिए शासन ने पिछले कुछ वर्षाें से यूरिया के ऊपर नीम का काेट करना शुरू कर दिया है। इसके बावजूद भी इसका उपयोग किया जाता है तो यह इंसानी शरीर के लिए घातक है।
- एमसी शर्मा, रसायन विज्ञान के विशेषज्ञ
किडनी, लीवर और अन्य अंगाें काे नुकसान पहुंचाता है यूरिया
जिला अस्पताल के डॉ. सुधीर कलावत के अनुसार यूरिया शरीर के प्रमुख अंग किडनी को सीधा प्रभावित करता है। इसके साथ ही यूरिया फेफड़े, लीवर, आंताें सहित शरीर के अन्य अंगाें को नुकसान पहुंचाता है।
बिना लाइसेंस किया था अवैध भंडारण
कृषि उपसंचालक हरीश मालवीय ने बताया कि यूरिया व अन्य प्रकार के रासायनिक खाद का बिना लाइसेंस ना तो भंडारण किया जा सकता है और ना ही इसका परिवहन किया जा सकता है। इसके साथ ही रासायनिक खाद का उपयोग अकृषि कार्य में भी नहीं किया जा सकता है। लेकिन फैक्ट्री के अंदर जो 92 बोरी यूरिया मिला है उसका काेई लाइसेंस नहीं था। कर्मचारी यह भी नहीं बता पाए कि यह यूरिया कहां से लेकर आए और किस कार्य के लिए रखा गया था।
इन फैक्ट्रियाें का भी दल ने किया निरीक्षण
पांच सदस्यीय अमले ने शनिवार को शासन के आदेश के तहत औद्योगिक क्षेत्र की छह फैक्ट्रियाें का निरीक्षण किया। सबसे पहले अमला पिरामिड पाइप निर्माता श्री सांई इंड्रस्ट्रीज पहुंचा। इसके बाद केवीकेम वार्निस, प्राइम कंटेनर प्लास्टिक फैक्ट्री, अमीना हर्बल प्राइवेट लिमिटेड, हिंदुस्तान कोकाकोला में भी छानबीन की। इसके बाद विध्यांचल आसवानी फैक्ट्री पहुंचे दल काे यूरिया का भंडारण मिला। इस पर देर शाम तक कार्रवाई जारी रही।
बड़ा सवाल... शराब फैक्ट्री में आखिर क्याें रखा था यूरिया?
इस मामले में बड़ा सवाल यह है कि आखिर शराब फैक्ट्री में इतनी बड़ी मात्रा में यूरिया क्याें स्टाक करके रखा गया था। देसी शराब बनाने के मानक पैमाने पर इसका प्रयाेग पूरी तरह से निषिद्ध है। फिर इसे फैक्ट्री में बिना जरूरी अनुमति के क्याें रखा गया था। इस मामले में यूरिया के स्टाक के न ताे फैक्ट्री प्रबंधन के पास काेई अनुमति थी न ही दस्तावेज फिर यहां इसका क्या उपयाेग किया जा रहा था, अब जांच में कृषि विभाग और प्रशासन काे ही इन के उत्तर खाेजने हाेंगे।
धारा 25 में होगी कार्रवाई
नियम के अनुसार नीम कोटेड यूरिया हो या साधारण यूरिया, इसका कृषि कार्य के अलावा कही उपयोग नहीं किया जा सकता। अगर कोई गैर कृषि कार्य में इसका उपयोग करता है तो आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत संबंधित के खिलाफ कार्रवाई होती है। फर्टिलाइजर अधिनियम 1985 की धारा 25 का मौके पर उल्लंघन किया जा रहा था। इसी के तहत अब विभाग संबंधित को नोटिस थमाएगा। जिसका जवाब मिलने पर आगामी कार्रवाई होगी।
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