कृषि उपज मंडी में तुलावट और हम्माल संघ द्वारा हम्माली और तुलाई के पैसे बढ़ाने की मांग को लेकर की गई हड़ताल के कारण नीलामी प्रभावित हुई। मंगलवार को पैसे बढ़ने के बाद मामला शांत हुआ, इसके बाद नीलामी शुरू कराई गई।
सोमवार को मंडी शुरू होने के साथ ही हम्माल बढ़ी हुई नई दरों के हिसाब से भुगतान की मांग करने लगे। अनाज व्यापारी उन्हें पुरानी दरों के हिसाब से भुगतान की बात पर अड़े थे। इस बात पर व्यापारी और हम्मालों के बीच विवाद हुआ और मंडी का काम बाधित हो गया। इस बात से गुस्साए किसानों ने मंडी में एकत्रित होकर सभी दुकानों पर काम रुकवा दिया और दोनों गेट बंद कर दिए, उन्होंने गेट नंबर - 2 को भी तोड़ दिया। सूचना पर मौके पर अधिकारी पहुंचे और समझाइश के बाद मामला शांत हुआ और नीलामी शुरू कराई गई।
90 पैसे की हुई बढ़ोतरी
हड़ताल कर रहे हम्मालों की मांग थी कि 20 फीसदी राशि बढ़ाई जाए। जबकि किसान दर बढ़ाने को लेकर तैयार नहीं थे। जबकि किसानों का पक्ष था कि सबसे अधिक दर सीहोर मंडी में किसानों से वसूली जाती है। जबकि अन्य मंडियों में यह कम है। वहीं, हम्माल तुलावट संघ का कहना है कि दो साल आठ माह से दर नहीं बढ़ाई गई है। हम मंडी सचिव, एसडीएम व कलेक्टर को अपना मांग पत्र दे चुके हैं। बाद में 90 पैसे की बढ़ोतरी की गई।
किसान होते हैं परेशान
कृषि उपज मंडी में उपज बेचने के लिए पहुंचे किसानों का कहना है कि वह किराए के ट्रैक्टर ट्राॅली से उपज लेकर आए, नीलामी देरी से शुरू हुई है, इससे कई किसानों की उपज की तुलाई रात तक हो पाएगी। सीजन के दौरान हड़तालों के कारण से जो किसान उपज बेचने के लिए आते हैं, उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता है। जो किसान किराए के वाहनों में अपनी उपज लेकर आते हैं, यदि उपज बेचने में दो दिन लग जाते हैं तो उन्हें नुकसान उठाना पड़ता है।
मंडी सचिव जगदीश परमार का कहना है कि किसानों और हम्माल तुलावट संघ के बीच समझौता हुआ है, कृषि उपज मंडी में उपज बेचने आये किसानों की उपज की नीलामी कराई गई है।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.