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अब तक आपने सुना हाेगा कि डेम से पानी नदी के लिए छाेड़ा गया पर आज हम आपकाे रामपुरा डेम से पार्वती नदी के लिए छोड़े गए पानी के सफर के बारे में बताएंगे। दरअसल आष्टा में पार्वती नदी में पेयजल सप्लाई के लिए जब एक महीने का ही पानी बचा तो नगर पालिका ने सिंचाई विभाग से रामपुरा डेम से पानी छोड़ने के लिए कहा था।
इसके बाद 3 फरवरी को डेम से पानी छोड़ा गया था जो 4 दिन में 25 किमी का सफर तय कर शनिवार शाम 4.10 बजे लसूड़लिया पार के बैराज पर पहुंच गया है। अब आष्टा तक पहुंचने में इसे 15 किमी का सफर तय करना होगा। सोमवार तक पानी आष्टा पार्वती तक पहुंच जाएगा। आमतौर पर रामपुरा डेम से नगर की नदी में पानी आने में एक सप्ताह से अधिक समय लगता है, लेकिन इस बार पानी का तेज फ्लो होने से आधा से ज्यादा सफर तय कर चुका है। डेम से लेकर पार्वती की दूरी 35 किमी है।
शंकर मंदिर घाट सूखा : इस समय नगर का शंकर मंदिर घाट पूरी तरह से सूखकर मैदान बन चुका है। पार्वती नदी में एक माह का ही पानी जलापूर्ति के लिए बचा था। इसे देखते हुए बुधवार को नगर पालिका ने सिंचाई विभाग को दो लाख रुपए का भुगतान कर 2.50 एमसीएम पानी डेम से छुड़वाया था। शुक्रवार को पानी मेमदाखेड़ी बैराज को पार करता हुआ पाड़लिया प्रवेश कर चुका था। इसके बाद शनिवार को लसूडिया बैराज तक पहुंच गया।
इन गांवों से गुजरता है रामपुरा डेम का पानी
रामपुरा डेम से पानी पार्वती नदी तक पहुंचने से पहले सिददीकगंज, देहमत, पगारिया हाट, पटाडा चौहान, मेमदाखेड़ी, लसूडिया पार, अराेलिया, ताजपुरा स्टाप डेमों से होकर पार्वती नदी के सात धार रेतीघाट पर पहुंचता है। उसके बाद पार्वती बैराज में संग्रह होता है। रामपुरा डेम से लेकर आष्टा पार्वती नदी के बीच नदी के दोनों किनारों पर दो दर्जन के करीब गांव आते हैं।
इस बार एक सप्ताह से कम लगेगा समय
शुक्रवार को भास्कर ने रामपुरा डेम से बहकर आ रहे पानी की ग्राउंड रिपोर्ट की। डेम में इस बार पर्याप्त पानी होने से पानी बहने का फ्लो काफी तेज है। जिसने दो दिन में 20 किमी का सफर तय कर लिया है। शुक्रवार शाम 3.30 बजे तक मेमदाखेड़ी स्टाप डेम क्रास करके पाड़लिया में प्रवेश कर चुका था। इस बार पानी नगर तक पहुंचने में एक सप्ताह से भी कम समय लगेगा।
आष्टा की लाइफ लाइन... हर साल जनवरी में पार्वती नदी फिर से सूखने लगती है। नपा आष्टा पेयजल के लिए जल संसाधन विभाग से रामपुरा डेम में पानी रिजर्व कराती है।
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