जिला चिकित्सालय परिसर में 1000 लीटर पर मिनट क्षमता का लिक्विड आक्सीजन प्लांट बनकर तैयार हो गया है। इस नए आक्सीजन प्लांट से 150 मरीजों को जरूरत पड़ने पर आक्सीजन लगाई जा सकेगी। इस प्लांट के चालू होने से कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर में मरीजों की जान बचाने में काफी मदद मिलेगी।
इस आक्सीजन प्लांट का निर्माण पीएम केयर फंड से डीआरडीओ संस्था ने किया है। इसमें 6 आक्सीजन मशीनों के अलावा एयर कंप्रेशर, कनवर्टर सहित सभी आवश्यक उपकरण लगा दिए गए हैं। अस्पताल का पाइप इस प्लांट से जुड़ते ही मरीजों को आक्सीजन मिलने लगेगी। करीब 2 महीने पहले इस आक्सीजन प्लांट का निर्माण कार्य शुरू किया गया था। एक महीने पहले आक्सीजन प्लांट तो बनकर तैयार हो गया था लेकिन मशीनें नहीं लगी थीं। अब इसमें मशीनें भी लग चुकी हैं। बासौदा और सिरोंज में भी इसी तरह के प्लांट लगाए जाएंगे।
लिक्विड और गैस 2 फार्म में तैयार होती है ऑक्सीजन
गंभीर मरीजों को जो आक्सीजन दी जाती है, वह 2 फार्म में तैयार रहती है। सिलेंडर में जो आक्सीजन रहती है, वह गैस फार्म में रहती है। विदिशा में जो 1000 लीटर पर मिनट का आक्सीजन प्लांट लगा है, वह प्रेस राइज स्विंग एब्जाब्रशन यानी पीएसए वाला रहेगा। यह वायुमंडल से आक्सीजन कांस्ट्रीटेट करेगा। इसके अलावा दूसरा लिक्विड मेडिकल आक्सीजन प्लांट यानी एलएमओ भी रहता है। इसमें आक्सीजन लिक्विड फार्म में कनवर्ट होता है। यह प्लांट अभी यहां नहीं है।
अब यहां की तैयारी, गंजबासौदा और सिरोंज में भी लगेंगे प्लांट
डिपार्टमेंट आफ रिसर्च एंड डेवलपमेंट यानी डीआरडीओ के सहयोग से विदिशा जिला अस्पताल में 1000 लीटर पर मिनट का आक्सीजन प्लांट तैयार किया गया है। इस प्लांट का काम मई में शुरू हुआ था। इसके बाद गंजबासौदा और सिरोंज में भी इसी तरह के नए आक्सीजन प्लांट लगाए जाएंगे।
बच्चों का आईसीयू भी पहले से तैयार
मेडिकल कालेज की चौथी मंजिल में 4-ए सेक्शन में 50 बेड का पीडियाट्रिक आईसीयू तैयार हो गया है। इसके अलावा सेकंड फ्लोर पर 2-डी और 2-सी सेक्शन के बीच 20 बेड का एक अन्य वार्ड तैयार किया जा रहा है। मिड लेवल पर 2-डी सेक्शन के पास 12 बेड का नया वार्ड बन रहा है।
इसके अलावा 15 से 20 बेड का एक और वार्ड भी बच्चों के लिए रहेगा। जिला अस्पताल में भी 12 बेड का पीडियाट्रिक वार्ड तैयार किया गया है। दोनों स्थानों पर बच्चों के साथ उनकी मदर्स के लिए भी नया वार्ड बनाया जाएगा जिससे उनकी बेहतर देखभाल हो सकेगी।
ऑक्सीजन प्लांट हो गया है तैयार
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