पर्यावरण और सफाई के लिए समस्या बने सिंगल यूज़ प्लास्टिक पर प्रदेश सरकार ने 2022 से प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है। इसके चलते नगर पालिका ने अभियान चलाकर बुधवार को प्लास्टिक सामग्री के थोक कारोबारियों को चेतावनी दी वर्तमान सिंगल यूज प्लास्टिक का स्टॉक दिसंबर तक खत्म कर दें।
नई सामग्री का आर्डर न दें। यदि जनवरी 2022 से इसके विक्रय और उपयोग पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है। इसके कारण आर्थिक नुकसान हो सकता है। इसी के कारण 6 महीने पहले से इस मामले में दुकानदारों को सचेत व जागृत किया जा रहा है। यदि इसके बावजूद भी सामग्री का विक्रय किया गया तो जुर्माना और प्रकरण दर्ज कराने की कार्रवाई की जाएगी।
दो चरणों में प्रतिबंध लगाएंगे
पर्यावरण सुरक्षा और स्वच्छता के लिए
प्रदेश सरकार ने पर्यावरण सुरक्षा व स्वच्छता के लिए खतरा बने सिंगल यूज़ प्लास्टिक पर 2022 से दो चरणों में प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है। प्रथम चरण में ऐसी प्लास्टिक पर रोक लगाई जाएगी जो लोगों के लिए रोजमर्रा के छोटे-छोटे उपयोगों में काम आती है। इसके बाद जुलाई 22 से होटल मैरिज गार्डन और पार्टियों के दौरान उपयोग में आने वाले सामग्री जैसे कप गिलास प्लेट चम्मच कांटे आदि पर रोक लगाई जाएगी। कुल मिलाकर अगले वर्ष प्रथम 6 महीनों के दौरान सिंगल यूज प्लास्टिक की सभी सामग्री पर पूरी तरह उपयोग व विक्रय पर रोक लग जाएगी। इसके बाद इसका विक्रय और उपयोग अवैधानिक हो जाएगा।
50 माइक्रोन से कम मोटाई की पॉलिथीन पर 2016 से रोक
50 माइक्रोन से कम मोटाई वाली पॉलिथीन पर प्रदेश सरकार द्वारा 2016 से रोक लगाई जा चुकी है। लेकिन रोक प्रभावी न होने के कारण उसका उपयोग बाजारों में आज भी छोटे दुकानदारों से लेकर बड़े व्यापारी तक धड़ल्ले से कर रहे हैं। लेकिन प्रभावी कार्रवाई न होने के कारण इस पर पूरी तरह से प्रतिबंध नहीं लग पाया। इसके कारण इसका उपयोग आज भी खुलेआम हो रहा है। नगरपालिका के अभियान भी असरदार सिद्ध नहीं हो पाए।
60 फीसदी कचरा सिंगल यूज
नगर में प्रतिदिन 60 फीस दी कचरा सिंगल यूज प्लास्टिक का मिल रहा है। इसके कारण ठिकाने लगाने में दिक्कत आ रही है। नगर में स्वच्छता प्रभावित हो रही है। इसके अतिरिक्त नालों में जल प्रवाह रुक रहा है। जहां-जहां प्लास्टिक कचरा दम किया जाता है।
वहां पेड़ पौधे नहीं उगते। इसके चलते जमीन अनुपयोगी और बंजर होती जा रही है। जानवर खाते हैं तो मर जाते हैं। इसलिए सरकार ने पॉलिथीन के कारण पूरे प्रदेश में पर्यावरण के खतरे को देखते हुए इस पर प्रतिबंध चरणबद्ध तरीके से लगाने का निर्णय लिया।
छह महीने पहले से अभियान
छह महीने पहले से नगर पालिका ने पंपलेट पोस्टर बांटना प्रारंभ किया। इसके कारण स्टॉकिस्ट और व्यापारी ऐन वक्त स्टॉक होने का बहाना बनाकर प्रतिबंध के बावजूद स्टॉप खत्म करने तक बेचने का समय मांगना प्रारंभ न करें। पहले से ही स्टॉक रिलीज करने के लिए उनको पर्याप्त समय मिल जाए। नगर पालिका ने दुकानदारों को शासन द्वारा जारी किए गए आदेश से अवगत कराया। नगर में सिंगल यूज़ प्लास्टिक सामग्री बेचने वाले 50 से आगे व्यापारी है। लाखों रुपए की सामग्री प्रतिवर्ष विक्रय करते हैं।
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