गंजबासौदा में धर्मांतरण के खिलाफ विहिप, बजरंग दल ने सोमवार को प्रदर्शन और घेराव किया था। यहां सैकड़ों की तादाद में गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने गेट और दीवार फांद कर स्कूल कैंपस में घुसकर तोड़फोड़ कर दी थी। करीब एक घंटे बाद अधिकारी मौके पर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों काे कैंपस से बाहर निकला। इस पूरी घटना के बाद मंगलवार को दैनिक भास्कर ने विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय गौ रक्षा प्रमुख नीलेश अग्रवाल से बात की और ऐसे हालात बनने का कारण जाना। अग्रवाल ने स्पष्ट किया कि एक सप्ताह से चल रहे धर्मांतरण के विषय पर कोई जवाब नहीं आने पर लोगों के मन में एक आक्रोश था, कल जो हुआ यह उसी का परिणाम था।
विदिशा के गंजबासौदा में धर्मांतरण मामला तूल पकड़ता जा रहा है। स्कूल प्रबंधन द्वारा धर्मांतरण की बात को नकारने के बाद दैनिक भास्कर ने मंगलवार को विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय गौ रक्षा प्रमुख नीलेश अग्रवाल ने इस मामले में बात की। अग्रवाल का कहना है कि कोई अपराधी अपना अपराध नहीं स्वीकारता है। पिछले एक हफ्ते से यह विषय चल रहा है। किसी भी तरह का ऐसा आश्वासन नहीं मिला। ऐसे में जिनके बच्चे पढ़ते हैं और शहर की जनता के मन में आक्रोश था। कल जो हुआ यह उसी का परिणाम है।
सोमवार को गंजबासौदा में धर्मांतरण के खिलाफ विहिप बजरंग दल ने प्रदर्शन और घेराव किया था। यहां सैकड़ों की तादाद में गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने गेट और दीवार फांद कर स्कूल कैंपस में घुसकर तोड़फोड़ कर दी थी। करीब एक घंटे बाद अधिकारी मौके पर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों काे कैंपस से बाहर निकला। इस मामले में अग्रवाल का कहना है कि जिन 8 बच्चों के धर्मांतरण की बात हो रही है, स्कूल प्रबंधन का कहना है कि उनके नाम ही नहीं हैं, जिनमें धर्मांतरण की बात की जा रही है। यही तो जांच का विषय है। यही तो राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने पत्र जारी कर जांच की बात की थी। हमसे पहले ज्ञापन दिया था, जो बात उन्होंने कल कही, यह पहले भी कह सकते थे। धर्मांतरण हुआ है की नहीं, यह तो जांच का विषय है और जांच संबंधित अधिकारी करेंगे।
अग्रवाल ने कहा - उस हंगामे को किसी एक संगठन की जिम्मेदारी नहीं कह सकते, यह किसी एक संगठन ने नहीं किया। सोमवार को स्कूल में 11 से 1 बजे तक परीक्षा थी। 1 बजे के बाद ही एसडीएम को ज्ञापन दिया गया। हमारी मांग है कि जिस तरीके से धर्मांतरण की चर्चा है। रविवार को पूर्वोत्तर के जिन बच्चों को चर्च में ले जाते हैं, उसकी जांच होनी चाहिए कि वे कहां से आए हैं, उनके माता-पिता कौन हैं। धर्मांरण की जांच होनी चाहिए और सेंट जोसफ जो भवन बना है, वह काॅन्वेंट स्कूल के ट्रस्ट ने हॉस्पिटल बनाने के नाम पर ली थी, लेकिन उसमें अंग्रेजी माध्यम का स्कूल बना दिया, उसकी भी जांच हो।
यह है पूरा मामला
सोमवार को गंजबासौदा में धर्मांतरण के खिलाफ विहिप बजरंग दल ने प्रदर्शन और घेराव किया था। इस दौरान स्कूल में घुसकर तोड़फोड़ की गई थी। यह हालात उस समय बने जब 8 नाबालिग बच्चों का सेंट जोसेफ हायर सेकंडरी स्कूल में धर्मांतरण कराने का मामला सार्वजनिक हुआ। कार्रवाई की मांग को लेकर विहिप और बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया और स्कूल का घेराव किया। उग्र प्रदर्शनकारियों ने स्कूल कैंपस में रखी कुर्सी-गमले वहां खड़ी कार के शीशे तोड़ डाले। दीवार पर वेंटिलेशन और खिड़कियों के लगे शीशे तोड़ दिए। उस दौरान परीक्षा चल रही थी, बच्चे अंदर थे। बिगड़ते हालातों की खबर पाकर एसपी मोनिका, कलेक्टर उमाशंकर भार्गव, एसडीएम रोशन राय, एसडीओपी भारत भूषण शर्मा भी मौके पर पहुंचे। स्थिति पर नियंत्रण किया हालांकि प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस ने विदिशा, गुलाबगंज, त्योंदा, नटेरन से बल बुलाया था, लेकिन वह मुख्य स्थानों पर उसकी तैनाती की गई। जहां प्रदर्शन हो रहा था, वहां सिर्फ चार पुलिसकर्मी लगाए गए थे, क्योंकि यह अंदाजा नहीं था कि प्रदर्शनकारी भड़क जाएंगे।
यह मांग की
संगठन द्वारा एसडीएम को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपे ज्ञापन में मांग की गई है कि सेंट जोसेफ स्कूल में जिन 8 बच्चों का धर्म परिवर्तन किया गया है उसकी जांच की जाए एवं नाम सार्वजनिक किए जाएं। कॉन्वेंट एवं सेंट जोसेफ विद्यालय के छात्रावास में पढ़ने वाले स्थानीय एवं अन्य राज्यों के विद्यार्थियों की सूची बनवाई जाए। साथ ही ज्ञापन में आरोप लगाया गया कि जिस भूमि पर विद्यालय बना है। वह भूमि सेवा प्रकल्प के रूप में अस्पताल बनाने के लिए दी गई थी। उसकी जांच हो तथा हिंदू विद्यार्थियों को मिशनरी स्कूलों में उनकी धार्मिक मान्यता अनुसार तिलक लगाने, कलावा बांधने आदि से नहीं रोका जाए, बल्कि उन्हें चर्च ले जाकर ईसाई धर्म की प्रार्थना आदि नहीं कराई जाए। इन स्कूलों को मिलने वाली विदेशी फंडिग की भी जांच की जाए।
प्रदेश में यह चौथा मामला
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