नेताओं के वादों पर जनता अक्सर तंज कसा करती हैं, लेकिन मध्यप्रदेश की एक महिला जनप्रतिनिधि ने अपना चुनावी वादा खुद से पैसे खर्च कर पूरा कर दिखाया है। बुरहानपुर में इंदौर-इच्छापुर हाईवे से सटी ग्राम पंचायत झिरी की महिला सरपंच ने अपने गहने गिरवी रखकर ग्राम पंचायत में CCTV लगवा दिए। जिसने भी यह सुना, सोच में पड़ गया, लेकिन यह सच है। उन्होंने पंचायत चुनाव के घोषणापत्र में CCTV लगाने का जनता से वादा किया था। इसमें कोई शक नहीं महिला सरपंच की ये पहल दूसरों के लिए एक नजीर है।
झिरी पंचायत से दैनिक भास्कर की ग्राउंड रिपोर्ट पढ़िए...
इस बार झिरी पंचायत से आशा विकास कैथवास सरपंच बनी हैं। पंचायत का कार्यभार संभालने से पहले ही उन्होंने अपने जेवर गिरवी रखकर 80 हजार कीमत के CCTV खरीदे। फिर प्रभार संभालते ही उसे पंचायत में लगवा दिया। सरपंच ने CCTV लगाने के लिए सोने की पांचाली और जमापूंजी लगा दी। पति विकास कैथवास का भी उनके हर फैसले में पूरा सहयोग है।
जानिए, गांव में CCTV लगवाने का विचार कैसे आया
सरपंच आशा ने बताया कि CCTV से चोरी, छेड़खानी और अपहरण के मामले आसानी से ट्रेस हो सकते हैं। ये आरोपी को पकड़वाने में मदद करेंगे। हमारा मकसद ग्रामवासियों की सिक्योरिटी है और ये चुनावी मुद्दा भी था। हाईवे किनारे तीन और गांव में एक नाइट विजन हाई डेफिनेशन CCTV लगवाया है।
गांव में CCTV लगवाने का विचार कहां से और क्यों आया? इसके जवाब में सरपंच आशा ने कहा, कुछ महीने पहले झिरी से एक बच्चे का अपहरण हुआ था। हाईवे पर CCTV लगे होने की वजह से आरोपी को 72 घंटे में ही पुलिस ने जलगांव से धर दबोचा। बस यहीं से सोच लिया था कि सरपंच बनने के बाद गांव की सिक्योरिटी के लिए CCTV लगवाऊंगी। वैसे भी इंदौर-इच्छापुर रोड किलर हाईवे बन चुका है, इसलिए भी यह निर्णय लिया गया।
तत्काल लगाना जरूरी थे कैमरे
सरपंच आशा ने बताया कि जब पंचायत का कार्यभार संभाला, तब तक आचार संहिता के चलते लेनदेन बंद हो चुका था। नए सरपंच की डीएससी तैयार नहीं होने के कारण रुपए मिलने में देरी होने वाली थी। सुरक्षा की दृष्टि से CCTV तत्काल लगाना जरूरी थे। इसलिए सरकारी मदद का इंतजार न करते हुए अपने जेवर गिरवी रख दिए।
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पति का भी रहता है पूरा सहयोग
सरपंच के इस निर्णय में पति विकास कैथवास का भी साथ मिला। हालांकि, जो रुपए सरपंच ने CCTV लगाने में खर्च किए, वो पंचायत मद से उन्हें वापस मिल जाएंगे, लेकिन महिला सरपंच की इस पहल की गांववाले ही नहीं, हर कोई तारीफ कर रहा है। बुरहानपुर SP राहुल कुमार लोढ़ा को जब एक दिन पहले इसकी जानकारी लगी, तो उन्होंने सरपंच पति को फोन लगाकर इस पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि इससे पुलिस को भी काफी मदद मिलेगी।
10वीं तक शिक्षित हैं सरपंच
35 साल की आशा कैथवास के परिवार (ससुराल) से वह खुद पहली बार सरपंच बनी हैं। मूलतः खंडवा की रहने वाली हैं, लेकिन पिता झिरी में ही शुगर फैक्टरी में पदस्थ रहे। उनका विवाह 2009 में विकास कैथवास से हुआ। उनकी दो बेटियां हैं। पति विकास कैथवास प्राइवेट जॉब के साथ पत्नी का हर काम में सहयोग करते हैं। आशा ने बहुत कम समय में सरपंची हासिल की। भाजपा से जुड़ने के बाद वह लगातार लोगों के काम करती रहीं। पति विकास कैथवास भाजपा अजा मोर्चा के पदाधिकारी भी हैं।
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