नगरीय निकाय चुनाव में जिन लोगों को भाजपा-कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया, वह अब निर्दलीय मैदान में उतरने को तैयार हैं। कांग्रेस में कुछ लोगों ने टिकट की आस में सूची फाइनल होने से पहले ही नामांकन भर दिया था, लेकिन जब टिकट नहीं मिला तो वह खुलकर विरोध में आ गए हैं।
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ की सिटिंग पार्षद को टिकट दिए जाने पॉलिसी का विरोध किया जा रहा है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि ऐसे में कईं सिटिंग पार्षदों को भी टिकट मिल गया जो दागी हैं। जबकि सालों से पार्टी का काम कर रहे कार्यकर्ताओं को दरकिनार कर दिया गया। यही हालत भाजपा में भी है और कुछ दावेदार टिकट नहीं मिलने पर भाजपा से कांग्रेस में जाने की तैयार कर रहे हैं या फिर निर्दलीय ही चुनाव लड़ेंगे।
केस-1, वार्ड 25 से पार्षद का टिकट नहीं मिले पर कांग्रेस नेता ने उठाए सवाल
वार्ड 25 से कांग्रेस के नेता फहीम हाशमी को पार्टी सिटिंग पार्षद पॉलिसी के आधार पर टिकट नहीं दिया। इसे लेकर उन्होंने कमलनाथ की इस पॉलिसी का खुलकर विरोध किया। उन्होंने कहा-कईं ऐसे नेताओं को टिकट दे दिए गए, जिन पर गंभीर आरोप हैं। कईं दागी हैं। उन्होंने कहा मैं निर्दलीय चुनाव लडूंगा।
केस-2, पिता मप्र बुनकर प्रकोष्ठ के प्रदेशाध्यक्ष, बेटा निर्दलीय लड़ेगा
वार्ड क्रमांक 37 न्यामतपुरा से इनाम अंसारी को कांग्रेस से टिकट नहीं मिला। यहां भी कमलनाथ की पॉलिसी आड़े आ रही है। जबकि इनाम के पिता मप्र बुनकर प्रकोष्ठ के प्रदेशाध्यक्ष हैं और सालों कांग्रेस से जुड़े हैं। उनका कहना है यह पॉलिसी गलत है। मैं निर्दलीय चुनाव लडूंगा।
केस-3, भाजपा में जनसंघ के समय से पार्टी से जुड़े नेता का टिकट कटा
भाजपा ने वार्ड 39 से दावेदार पांडुरंग जाधव का टिकट काट दिया। जाधव पार्षद पद के लिए निर्दलीय चुनाव में खड़े हो गए हैं। वह पार्षद रहते हुए लेखा समिति, जल समिति के अध्यक्ष भी रहे हैं। इसी तरह भाजपा में वार्ड नंबर 16 से आशा भावसार का भी टिकट कटा है। अन्य दावेदार भी निर्दलीय चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं।
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