शनिवार को मराठा सेवा संघ ने छत्रपति सांभाजी महाराज की जयंती मनाई। सदस्यों ने शिकारपुरा थाना स्थित जिजामाता की प्रतिमा स्थल पर पहुंचकर छत्रपति सांभाजी महाराज के चित्र पर माल्यर्पण किया। मराठा सेवा संघ जिलाध्यक्ष आशीष भगत ने कहा यदि किसी को मराठों के पहले युवराज होने का सम्मान मिला है। वह शिवाजी पुत्र सांभाजी को है। छत्रपति सांभाजी राजा का जन्म 14 मई 1657 को हुआ था। जब शंभू राजे केवल 2 साल 3 महीने के थे, तब उनकी मां महारानी सईबाई का निधन हो गया। राष्ट्रमाता जिजाऊ व छत्रपति शिवाजी महाराज ने उस समय के ज्ञान की संस्कृत भाषा पर विशेष ध्यान दिया। इसलिए, छत्रपति संभाजी राजा ने 14 साल की उम्र में संस्कृत भाषा में "बुधभूषण" नामक एक ग्रंथ लिखी थी। 'बुध' का अर्थ है विद्वान और 'भूषण' का अर्थ है आभूषण।
छत्रपति संभाजी महाराज आज भी युवाओं के प्रेरणास्रोत हैं। इस दौरान जिलाध्यक्ष आशीष भगत,सुनील महाजन,गणेश कापसे,प्रकाश नाईक, किशोर देखमुख, संजय चौधरी, भगवान महाजन,व समाजसेवी राजेश भगत,मनीष महाजन,डॉ दीपक वाभले आदि उपस्थित थे।
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