बुरहानपुर में 15-20 बदमाशों ने वन चौकी में तोड़फोड़ की। वे 17 बंदूकें लूट ले गए। घटना सोमवार रात 9.30 बजे की है। इसके चश्मदीद चौकीदार भोला और उसकी पत्नी हैं। दोनों रात का खाना खाने के बाद बैठे थे, तभी बदमाश उन पर टूट पड़े। बदमाशों ने दोनों से मारपीट की और बंदूकें लेकर भाग गए।
भोला की जुबानी, रात की पूरी कहानी...
मेरा नाम भोला सिंह है। पिछले 15 साल से वन विभाग में सुरक्षाकर्मी की ड्यूटी कर रहा हूं। फिलहाल मेरी ड्यूटी बाकड़ी में है। वन चौकी में मेरे अलावा वनपाल, लखनलाल वास्कले, प्रवीण मेढ़े, जितेंद्र कुशवाह, रामबाबू वर्मा, रावेश भास्करे, राहुल सोलंकी भी तैनात हैं, लेकिन यहां तैनात अधिकारी-कर्मचारी पिछले डेढ़ महीने से कभी-कभार ही आते हैं। अगर वे यहां आते भी हैं, तो रात नहीं रुकते। मैं ही पत्नी मनी बाई के साथ चौकी में रहता हूं।
सोमवार रात को भी मैं चौकी में था। खाना खाकर बैठा ही था, तभी बाहर से आवाज आई। मैं तुरंत बाहर गया। गेट खोलकर देखा तो 15-20 लोग बाहर खड़े थे। सभी ने मुंह को कपड़े से ढंक रखा था। मैं समझ गया कि ये लुटेरे हैं। उन्हें देखते ही मेरे रोंगटे खड़े हो गए। चिल्लाना चाहता था, पर आवाज नहीं निकल रही थी। मैं कुछ कर पाता, इससे पहले ही सफेद जर्किन (जैकेट), पीला रुमाल और काला स्वेटर पहने 2 आदमी मेरे सामने आकर खड़े हो गए। उन्होंने मुझे जकड़ लिया। बिना कुछ कहे मुझे उल्टा कर दिया। इसके बाद पीठ पर लात मारने लगे।
मैं दर्द से चीखा तो दौड़कर पत्नी बाहर आई। पत्नी को भागकर आता देख दूसरे बदमाश सामने आ गए। उन्होंने पत्नी को पकड़ा और उसके गाल पर चांटे मारने शुरू कर दिए। हम मदद के लिए चिल्लाने लगे। हमारी चीख सुनकर कुछ दूरी में रहने वाली निर्मला और रामदेश भागते हुए आए। उन्हें आता देख बदमाशों ने पत्थर बरसाना शुरू कर दिए। एक पत्थर निर्मला को लगा। वह लहूलुहान हो गई। चीख-पुकार मची तो बदमाश भाग गए। मैंने चौकी में देखा तो शस्त्रागार का ताला टूटा था, जिस अलमारी में बंदूकें थीं, वो भी टूटी हुई थीं। अलमारी में रखी 12 बोर की सरकारी बंदूकें गायब थीं।
रेंजर को फोन कर मौके पर बुलाया
मैंने तुरंत रेंजर साहब को फोन किया। वे मौके पर आए। अलमारी देखी तो वहां सिर्फ 1 ही बंदूक थी। यहां कुल 18 बंदूकें रखी थीं, जिसमें 10 बंदूक बाकड़ी की थीं। बाकी, 8 बंदूकें नीम सिटी चौकी की थीं। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने धारा 395, 397 के तहत केस दर्ज कर लिया है।
देर शाम संभागायुक्त मौके पर पहुंचे
मंगलवार दोपहर डीआईजी खरगोन रेंज तिलक सिंह भी बाकड़ी पहुंचे। शाम करीब 5 बजे संभागायुक्त पवन कुमार शर्मा भी मौके पर पहुंचे। कलेक्टर, एसपी सहित अन्य प्रशासनिक टीम मौके पर ही तैनात थे। प्रशासन ने 10 से अधिक सर्चिंग टीमें बनाई हैं, जो आरोपियों की तलाश कर रही हैं।
पहाड़ी पर छिपे अतिक्रमणकारी
प्रशासनिक टीम के बाकड़ी क्षेत्र में मौजूद होने पर अतिक्रमणकारियों ने चुप्पी साध ली है। वे पहाड़ियों में जाकर छिप गए हैं।
272 अफसर और कर्मचारी ...बंदूकें महज 26
बुरहानपुर में वन विभाग में अफसरों से लेकर वनरक्षक तक 272 लोगों का अमला है। इन पर 1 लाख 90 हजार 100 हेक्टेयर जंगल की सुरक्षा की जिम्मेदारी है, लेकिन हालात यह है कि विभाग के पास सिर्फ 26 बंदूकें और 4 पिस्टल हैं। यह पिस्टल चार रेंजर को दी गई हैं, जबकि जिले में आठ रेंजर हैं। विभाग के पास पर्याप्त हथियार नहीं हैं। हर बार टीम हमला होने पर जान बचाकर भागती है।
बड़ी कार्रवाई करने की तैयारी
नावरा रेंज में जंगलराज को पूरी तरह खत्म करने की तैयारी चल रही है। जंगल में घुसकर बैठे 200 से ज्यादा अतिक्रमणकारियों को खदेड़ने के साथ अतिक्रमण को मुक्त कराने के लिए जल्द बड़ा अभियान शुरू किया जाएगा। इसकी तैयारी के लिए बीएसएफ, पुलिस और वन विभाग का 800 से ज्यादा का बल बुलाया गया है। घाघरला में निगरानी सेंटर बनेगा। यहां सबसे ज्यादा अतिक्रमण हैं। एसपी राहुल कुमार लोढ़ा ने कहा कि अतिक्रमण को हटाने के लिए बड़े स्तर पर कार्रवाई जरूरी है। इसके लिए हम तैयारी कर रहे हैं। बड़ी कार्रवाई कर अतिक्रमणकारियों को खदेड़ा जाएगा।
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पहले भी हो चुके हैं हमले, पढ़िए...
अक्टूबर में भी हुआ था हमला
11 अक्टूबर 22 को इसी सीवल बाकड़ी क्षेत्र में जामुननाला के पास अज्ञात अतिक्रमणकारियों ने वनकर्मियों पर हमला किया था। जिसमें रेंजर सहित कुछ वनकर्मी घायल हुए थे। अब इसी क्षेत्र की वन चौकी को अतिक्रमणकारियों ने निशाना बनाया। 3 साल पहले घाघरला में भी अतिक्रमणकारियों ने एक बार बंदूकें छीनी थीं। काफी दिनों बाद वापस लौटाई थी। तब यहां प्रशासन ने संयुक्त कार्रवाई कर अतिक्रमणकारियों को जंगल से खदेड़ा था।
2019 में हुई थी हवाई फायरिंग
2019 में बदनापुर में तेजी से हो रहे अतिक्रमण को रोकने के लिए वनकर्मियों की टीम पहुंची थी। तब अतिक्रमणकारियों और वनकर्मियों के बीच झड़प हुई थी। इस दौरान वनकर्मियों द्वारा हवाई फायरिंग की गई थी। इसकी मजिस्ट्रियल जांच भी हुई थी, लेकिन उस जांच को आज तक सार्वजनिक नहीं किया गया।
नावरा रेंज में सागौन का जंगल...
बुरहानपुर जिले की वन रेंज में सागौन के पेड़ बड़े पैमाने पर हैं। खासकर नावरा रेंज में। सागौन के पेड़ में दीमक नहीं लगती। लकड़ी मजबूत होती है और ये फिनिशिंग भी अच्छी देती है। इसकी इसी खासियत की वजह से इसे फर्नीचर बनाने में ज्यादा उपयोग किया जाता है। सागौन की लकड़ी की बाजार में अच्छी कीमत भी मिल जाती है।
वन विभाग की ये खबरें भी पढ़िए...
वन चौकी से 17 बंदूकें और कारतूस लूटे
बुरहानपुर में बदमाश वन चौकी में तोड़फोड़ करते हुए 17 बंदूकें और कारतूस लूट ले गए। चौकीदार से मारपीट की बात भी सामने आई है। घटना नेपानगर तहसील की नावरा वन रेंज के ग्राम बाकड़ी की है। पुलिस, वन विभाग की टीम सहित प्रशासनिक अफसर मौके पर पहुंचे हैं। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें...
1 महीने पहले वारंट निकला तो धनुष-बाण, फरसा लेकर उतरे
बुरहानपुर में फॉरेस्ट टीम के खिलाफ आदिवासी धनुष-बाण, कुल्हाड़ी और फरसा लेकर सड़क पर उतर आए। 1 महीने पहले फॉरेस्ट टीम जंगल में पेड़ काटे जाने पर सर्च वारंट लेकर पहुंची थी। महिलाओं ने टीम से झूमाझटकी की और पथराव भी किया। घटना बुरहानपुर जिले के सीवल की है। फॉरेस्ट टीम मौके से वापस लौट आई और सीधा नेपानगर थाने जाकर इसकी शिकायत की। बताया जा रहा है कि टीम के नेपानगर जाते ही सुबह 10 बजे जंगल में छिपे बैठे अतिक्रमणकारियों ने सीवल में धनुष-बाण, फरसे और कुल्हाड़ी लेकर जुलूस निकाला। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें...
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