जंगल की अवैध कटाई के विरोध में सोमवार को 400 से ज्यादा ग्रामीणों ने कलेक्टर कार्यालय का घेराव किया। नावरा रेंज में अवैध कटाई से ग्रामीण परेशान है। विरोध करते हुए ग्रामीण बोले प्रशासन कार्रवाई करें, हम उनके साथ तीर-गोफन खाने को तैयार है। एक घंटे तक ग्रामीण कलेक्टर कार्यालय में विरोध और नारेबाजी करते रहे। ग्रामीणों के दल ने कलेक्टर से भी मुलाकात की।
सोमवार दोपहर 1 बजे ग्रामीण कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। इससे पहले जिला अस्पताल के पास से विरोध रैली निकाली गई। 400 से ज्यादा ग्रामीण नारेबाजी करते हुए कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और अतिक्रमण के लिए कांटे जा रहे जंगल को रोकने की मांग की। किशन धांडे ने बताया पिछले दो माह से जंगल कट रहा है। प्रशासन-पुलिस रोकने तो जाता है, लेकिन उन पर भी हमला हो रहा है। हम जंगलों के स्थायी निवासी है और आदिवासी बिना जंगलों के रह नहीं सकते। प्रशासन-पुलिस और वन विभाग अतिक्रमण को हटाने के लिए सख्त कदम उठाए, हम उनके साथ कार्रवाई में जाने को भी तैयार है। जंगल को बचाने के लिए तीर-गोफन भी खाएंगे।
उन्होंने बताया अतिक्रमणकारी ग्रामीणों को धमका रहे है। जब मन होता है, झुंड बनाकर गांव में घुस आते है। जंगल के बर्बाद होने से वन्य प्राणियों पर भी असर हो रहा है। वह जान बचाने के लिए दूसरे क्षेत्रों की ओर भाग रहे है। इनके खिलाफ सख्त कदम उठाना जरूरी हो गया है। विरोध कर रहे ग्रामीणों से बात करने अपर कलेक्टर शैलेंद्रसिंह सोलंकी पहुंचे। लेकिन ग्रामीण इस बात से संतुष्ट नहीं हुए। इस बीच भाजपा जिलाध्यक्ष मनोज लधवे वहां पहुंचे और कलेक्टर से मिलने की बात कहने लगे। वह भीतर जाना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने रोक लिया। इस बात को लेकर कुछ देर बहस भी हुई। फिर 12 सदस्यों का दल कलेक्टर से मिलने पहुुंचा। कलेक्टर भव्या मित्तल को अतिक्रमण की स्थिति बताई और यहां सख्त कार्रवाई करने की मांग की।
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