बाल कल्याण समिति के सदस्यों पर लगे गंभीर आरोप:नाबालिग के पिता ने पुलिस अधीक्षक को दिया आवेदन

छतरपुर (मध्य प्रदेश)4 महीने पहले
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छतरपुर की बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के सदस्यों पर एक नाबालिग के पिता ने पुलिस अधीक्षक को आवेदन देते हुए कई गंभीर आरोप लगाए हैं। नाबालिग के पिता ने पीड़िता को जबरन वन स्टॉप सेंटर भेजने और वहां से निकलवाने के एवज में पैसे मांगने तथा छेड़खानी जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं, उसका कहना है कि मेरी बेटी के साथ सीडब्ल्यूसी में कुछ भी हो सकता है इसलिए बेटी उसे वापस दिलाई जाए। इस मामले में सूत्रों से खबर मिली है कि जांच हेतु पुलिस अधीक्षक ने कलेक्टर को प्रतिवेदन भेजा है।

पीड़िता के पिता ने कहा कि बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) छतरपुर के द्वारा एक विशेष रैकेट बनाया गया है कि जो नाबालिग लड़कियों को उनके माता-पिता को न सौंपकर कानूनी दांवपेंच का डर दिखाते हुए कस्टडी में लेकर वन स्टॉप सेंटर भेज रहा है। उसका आरोप है कि वहां पीड़ितों को डरा-धमकाकर अपने मुताबिक कथन लिए जाते हैं और गलत आरोप लगावाकर पैसे की मांग की जाती।

पीड़िता के पिता के अनुसार यह कार्य कई दिनों से समिति के द्वारा किया जा रहा है। उक्त शिकायत सामने आने के बाद यह मामला पद का दुरुपयोग करते हुए पीड़ित व उसके परिवार को कानूनी दांवपेंच में फंसाने और डर दिखाकर अपने निजी स्वार्थों को सिद्ध करने का नजर आ रहा है। पीड़िता के पिता ने सीडब्ल्यूसी के सदस्यों और अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा है कि वे पद का दुरुपयोग करते हुए नाबालिग पीड़िता और उनके परिजनों को जबरन परेशान करते हुए पैसे मांग रहे हैं।

सूत्रों से पता चला है कि चंदला थाने में एक नाबालिग के गुम होने की सूचना दर्ज हुई थी। सूचना पर अपहृता नाबालिग बालिका को दस्तयाब कर न्यायालय में कथन कराए गए और इसके उपरांत सीडब्ल्यूसी के समक्ष पेश किया गया जहां से नाबालिग को माता-पिता को सुपुर्द न कर अपनी मर्जी से वन स्टॉप सेंटर भेज दिया गया और माता-पिता से उनकी पुत्री की सुपुर्दगी के लिए पैसों की मांग की गई। पैसे न मिलने पर वन स्टॉप सेंटर में पीड़िता को जबरदस्ती रखा गया। सूत्रों की मानें तो बालिका के पिता ने सीडब्ल्यूसी के सदस्यों पर छेड़छाड़ जैसे गंभीर आरोप भी लगाए हैं।

शिकायत के बद प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक छतरपुर ने कलेक्टर को उक्त प्रकरण की जांच हेतु प्रतिवेदन भेजा है।

इनका कहना है..

शिकायत प्राप्त हुई थी जिसके बाद अभियोजन से विधिक अभिमत लेकर प्रावधानों के अंतर्गत कलेक्टर को अग्रिम कार्यवाही के लिए प्रतिवेदन भेजा गया है।-सचिन शर्मा, एसपी छतरपुर