'पापा मुझे प्यार नहीं करते':ट्रेन में बैठकर 14 वर्षीय लड़का पंजाब से खजुराहो पहुंचा, बताई घर से भागने की पूरी कहानी

छतरपुर4 महीने पहले
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पिता का छोटे बेटे की ज्यादा परवाह करना, बड़े बेटे को नहीं भाया। इसी बात से दुखी होकर नाबालिग पंजाब से भागकर मध्यप्रदेश के छतरपुर आ गया। लड़का करीब पांच महीने पहले पंजाब से अपने घर से भागकर यहां आया था। इसके बाद छतरपुर की बाल कल्याण समिति ने बड़ी मुश्किल से उसके परिजनों को खोजकर उनसे मिलवाया। पिता बेटे से मिले तो उनका दर्द आंखों से छलक आया। वे उसे अपने साथ लेकर सोमवार को गांव रवाना हो गए।

ऐसा है पूरा घटनाक्रम

12 सितंबर 2022 को 14 साल का एक बच्चा खजुराहो स्टेशन पर भटकता नजर आया था। रेलवे पुलिस ने उसे पुलिस को सौंप दिया। पुलिस ने बच्चे से बात की तो उसने अपना नाम आकाश सिंह पिता गुरलाल सिंह निवासी भटिंडा, पंजाब बताया। अजय को चाइल्ड लाइन को सौंप दिया गया। चाइल्ड लाइन ने न्यायपीठ बाल कल्याण समिति के समक्ष उसे प्रस्तुत किया। इसके बाद बालक को संरक्षण दिया गया। बाल कल्याण समिति ने बच्चे के परिजनों को खोजना शुरू किया।

पांच महीने तक लगातार पड़ताल के बाद 26 जनवरी 2023 को बाल कल्याण समिति सदस्य सौरभ भटनागर, सुनीता बिल्थरे और रीता पाठक ने हरियाणा में राज्य अपराध शाखा मानव तस्करी निरोधक इकाई पंचकूला के ASI राजेश कुमार से संपर्क किया। उन्होंने टीम का सहयोग करते हुए आधार पंजीयन के जरिए बच्चे के परिवार को खोज निकाला। जानकारी पुख्ता करने के बाद बच्चे के परिजनों को कॉल किया गया। बच्चे से उनकी वीडियो कॉल पर बात करवाई।

पिता-पुत्र की बात होने के बाद पिता को छतरपुर आने को कहा गया। रविवार को पिता छतरपुर पहुंचे। बाल कल्याण समिति द्वारा निर्मुक्ति आदेश जारी कर बच्चे काे परिवार को सौंपने की कार्रवाई की। सोमवार को पिता-पुत्र अपने घर वापस लौट गए। टीम ने बताया कि अब तक इस प्रकार के परिवारिक पुनर्वास करने के 38 मामलों में बच्चों को घर भेजा गया है।

पिता ने कहा- बेटे को गलतफहमी हो गई होगी। मैं दोनों बेटों को बराबर प्यार करता हूं। बड़ा बेटा होने से उससे उम्मीदें ज्यादा हैं।
पिता ने कहा- बेटे को गलतफहमी हो गई होगी। मैं दोनों बेटों को बराबर प्यार करता हूं। बड़ा बेटा होने से उससे उम्मीदें ज्यादा हैं।

घर से भागने की कहानी भी जान लीजिए...

बच्चे ने बताया उसका एक छोटा भाई है। मां और पापा दोनों उसे ज्यादा लाड़ करते हैं। वह उसकी हर फरमाइश पूरी करने की कोशिश करते हैं। मैं कुछ कहूं तो टाल देते हैं। उसे इसी बात से गुस्सा और दुख दोनों होता था। उसका मन भी पढ़ाई में नहीं लगता था। यही कारण रहा कि वो पढ़ाई में कमजोर होता गया। हाल ही में 8वीं कक्षा का रिजल्ट आया। जिसमें उसके काफी कम नंबर आए। मां-पापा के व्यवहार से वो पहले ही दुखी था। ऐसे में उसे लगा कि यदि यह बात उन्हें पता चली तो वे डांटेंगे- मारेंगे। इसी डर से वो घर से भागा और ट्रेन में जाकर बैठ गया। बिना टिकट ट्रेन में सफर करते हुए खजुराहो पहुंच गया। यहां पर उसे रेलवे स्टेशन पर पुलिस ने पूछताछ के लिए रोक लिया। इसके बाद उसे छतरपुर लाया गया। उसने बताया कि जब वह घर से निकला था तब उसके हाथ में एक चांदी का कड़ा था। ट्रेन में सफर के दौरान एक व्यक्ति ने वह उससे छीन लिया था।

पिता बोले- चार-पांच महीने से बच्चे को खोज रहे थे, लेकिन उसका कहीं पता नहीं चल पाया था।
पिता बोले- चार-पांच महीने से बच्चे को खोज रहे थे, लेकिन उसका कहीं पता नहीं चल पाया था।

बच्चे के पिता गुरलाल सिंह ने बताया कि वह पत्नी और दाे बेटों के साथ रहता है। वह कारीगरी का काम करता है। घटना वाले दिन बड़ा बेटा आकाश सिंह घर से गुरुद्वारा जाने का कहकर निकला था। शाम तक तलाशने के बाद जब वह नहीं मिला ताे हमने स्थानीय थाने में रिपोर्ट लिखवाई। करीब 5 महीने बाद 26 जनवरी के दिन एक नए नंबर से कॉल आया। उन्होंने कहा- आपका बेटा छतरपुर में है। आप उसे लेने आ जाओ। इसके बाद मैं बेटे को लेने यहां पहुंचा। बेटा गलतफहमी के कारण घर से भागा था। उसे लगता था कि हम छोटे बेटे को ज्यादा चाहते हैं।

छतरपुर CWC ने 5 महीने की खोजबीन के बाद उसके परिजनों को ढूंढा और मिलवाया। बेटे को साथ लेकर पिता सोमवार को गांव रवाना हो गए।
छतरपुर CWC ने 5 महीने की खोजबीन के बाद उसके परिजनों को ढूंढा और मिलवाया। बेटे को साथ लेकर पिता सोमवार को गांव रवाना हो गए।

CWC के सौरभ भटनागर ने बताया कि 3 सितंबर 2022 को बच्चे को चाइल्ड लाइन ने खजुराहो रेलवे स्टेशन से पकड़ा था। बच्चा 4 महीने से स्तुति बालगृह में रह रहा था। बच्चा पंजाब भटिंडा का रहने वाला है। बच्चा बताता था कि माता-पिता उससे मारपीट करते थे। छोटे भाई को ज्यादा प्यार करते थे। इसी कारण वह भाग आया था। उन्होंने बताया कि कार्रवाई के दौरान एसजीपीओ प्रभारी जयराम तिवारी, आरक्षक अंकिता रावत का सहयोग रहा।

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