प्रकाश पर्व दीपावली को इस बार नौगांव की महिलाओं और युवतियों द्वारा बनाई गई मिट्टी की श्री गणेश एवं श्री लक्ष्मी की मूर्तियों से पूजा होगी। नौगांव के कुम्हार टोली की महिलाएं और युवतियां अपने पुस्तैनी व्यवसाय को आगे बढ़ाते हुए एवं नया रूप देते हुए रात-दिन मिट्टी की मूर्ति बनाने में जुटी हैं। महिलाओं और युवतियों द्वारा बनाई मिट्टी की मूर्तियों की छतरपुर जिले के अलावा पन्ना, टीकमगढ़, झांसी क्षेत्र में अच्छी मांग हो रही है। नौगांव से सटे 250 आबादी के कुम्हार टोली के प्रजापति परिवार अपने पुस्तैनी मिट्टी के बर्तन आदि बनाकर जीवकोपार्जन करते हैं।
हिंदुओं के सबसे बड़े पर्व दीपावली और धनतेरस के लिए यह पारंपरिक ढंग से मिट्टी के दीपक बनाते हैं। इनके बनाए मिट्टी के दीपक पूरे छतरपुर जिला के अलावा पन्ना, टीकमगढ़, महोबा, बांदा, झांसी आदि शहरों क्षेत्रों में जाते हैं। इनके काम में घर की महिलाएं और युवतियां भी हाथ बंटाती हैं। इस बार इनकी महिलाएं और युवतियां पुरानी लीक से हटकर मिट्टी की श्री लक्ष्मीजी, श्री गणेश की प्रतिमाएं बना रहीं हैं। कुम्हार टोली की युवतियां निधि प्रजापति, प्रीति प्रजापति, स्नेहा प्रजापति और महिला राखी प्रजापति मिट्टी की मूर्तियां बनाने में जुटी हैं।
चूंकि दीपावली पर्व के कुछ दिन ही शेष बचे हैं, इसलिए यह मूर्तियों को अंतिम रूप देने में जुटी हैं। कुम्हार टोली में लगभग एक सैकड़ा कुम्हार परिवार रहते हैं जो पीढ़ी दर पीढ़ी से मिट्टी के बर्तन दीपक जैसे अन्य सामान बनाने का काम करते आ रहे हैं। इन परिवारों के भरण पोषण के लिए इसके अलावा न तो कोई रोजगार के साधन हैं और न ही कोई शासन की मूलभूत सुविधाएं अब तक प्राप्त हो सकीं। करवा चौथ, दीपावली पर्व के दो तीन माह पहले से ही करवा, दीपक के अलावा लक्ष्मीजी, गणेशजी की मूर्तियां बनाने का कार्य शुरू कर देते हैं।
अगले साल बढ़ाएंगे दायरा
मूर्तियां बना रहीं निधि प्रजापति, प्रीति प्रजापति, स्नेहा प्रजापति और महिला राखी प्रजापति ने बताया कि अभी तक उनके परिजन केवल मिट्टी के दीपक एवं करवा ही बनाते थे। लेकिन इस बार हमने मूर्तियां बनाना शुरू किया, काफी अच्छा रिस्पांस मिल रहा है। अगले वर्ष हम मूर्तियां बनाने का ग्राफ बढ़ाएंगे।
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