छिंदवाड़ा के परासिया में ग्राउंड पर रनिंग करते वक्त 22 साल के युवक की हार्ट अटैक से मौत हो गई। वह UPSC की तैयारी कर रहा था। दशहरे पर छुटि्टयां मनाने के लिए घर आया था।
जानकारी के अनुसार नगर के पीटीसी कॉलोनी में रहने वाला सावन विश्वकर्मा (22) दिल्ली में तैयारी कर रहा था। परिजनों के मुताबिक डेली रूटीन के चलते वह पेंचवेली ग्राउंड में गुरुवार सुबह दोस्तों के साथ मार्निंग वॉक पर गया था।
उसने ग्राउंड के 3 चक्कर लगाए। इसी बीच अचानक वह गश खाकर गिर गया। दोस्त उसे परासिया अस्पताल लेकर आए। साथ ही परिजनों को सूचना दी। यहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
अधूरा रह गया अफसर बनने का सपना
सावन के परिजनों ने भास्कर को बताया कि वह IAS बनना चाहता था। परिवार में सावन सबसे छोटा था। घर में उसके दो बड़े भाई और एक बहन है। हादसे के बाद परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है।
कभी-कभी एलर्जी की शिकायत रहती थी
सावन के दोस्त चित्रांश श्रीवास्तव के मुताबिक वैसे तो उसे स्वास्थय संबंधी समस्या नहीं थी। कभी-कभी एलर्जी की वजह से सर्दी खांसी होती थी। दोनों ने मीडियम क्लास की पढ़ाई स्थानीय न्यू आराधना कॉन्वेंट से की थी। सावन फर्स्ट क्लास स्टूडेंट था। उसने मैथ्स से हायर सेकेंडरी किया। भोपाल से बीटेक मैकेनिकल किया। पिछले एक साल से यह दिल्ली में यूपीएससी की तैयारी कर रहा था।
युवाओं में हार्ट अटैक के कई कारण
डॉक्टर बसंत शर्मा कार्डियोलॉजिस्ट एमडी का कहना है कि आमतौर पर ऐसी घटनाएं कम देखने में आती हैं। ऐसी घटना की वजह स्पष्ट तौर पर पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सामने आती है। इसके पीछे अलग-अलग कारण हो सकते हैं। कई बार अधिक शारीरिक श्रम की वजह से सीवियर हार्ट अटैक का शिकार हो जाता है, जिसमें व्यक्ति की मौत हो जाती है।
दूसरा कारण, व्यक्ति को हार्ट में खून को ले जाने वाली नस में गड़बड़ी हो। इस वजह से भी कम उम्र के लोग हार्ट अटैक के शिकार हो जाते हैं। वहीं, कई बार व्यक्ति को उल्टी होने पर उल्टी फेफड़े में जाने की वजह से भी मौत हो जाती है।
सामान्यतः हार्ट की दीवार से मोटी होती है। ऐसे में शारीरिक श्रम ज्यादा करने से खून की ज्यादा आवश्यकता होती है। ऐसे में काम करने की वजह से व्यक्ति HOCM यानी हाइपोट्रोपिक कार्डियो मायोपैथी (HOCM) से मौत हो जाती है।
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