वैक्सीनेशन का टारगेट पूरा करने के लिए जिले में किस तरह से लापरवाही बरती जा रही है, इसका उदाहरण अमरवाड़ा ब्लाक में सामने आया है। यहां अधिकारियों की लापरवाही से एक वैक्सीनेशन सेंटर में एक साल पहले दिवंगत हो चुके रोजगार सहायक की डयुटी लगा दी गई है। जिसका बकायदा आदेश भी जारी कर दिया गया है जिससे राजस्व विभाग के द्वारा जारी किए गए इस आदेश को लेकर सवाल उठ रहे है। दरअसल मामला ब्लाक के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत राहीवाड़ा का है।
यहां पूर्व में पदस्थ रोजगार सहायक मंजू उर्फ मंजेश नागवंशी एक साल पहले बीमारी के चलते मृत्यु हो चुकी है। बावजूद इसके एसडीएम कार्यालय अमरवाड़ा से राहीवाड़ा पंचायत में वैक्सीनेशन शिविर मे वेरीफायर के लिए डयुटी लगाने के आदेश जारी किए गए है। इस मामले के सामने आने के बाद एक बार फिर भी वैक्सीनेशन की मानिटरिंग को लेकर प्रश्न खड़े हो रह है कि आखिरकार जिसकी डयुटी लगाई जाती है उसकी मानिटरिंग होती है या नहीं।
बीएमओ की लापरवाही से नहीं लग रहा गर्भवती महिलाओ को टीका!
अमरवाड़ा ब्लाक में ही वैक्सीनेशन कार्यक्रम को पूरा कराने के लिए बीएमओ डा अर्चना कैथवास भी टारगेट पूरा करने के चक् कर में प्रत्येक मंगलवार को गर्भवती महिलाओं और बच्चों को लगने वाले टीकाकरण कार्यक्रम को लेकर ध्यान नहीं दे रही है। दरअसल अमरवाड़ा के कोंडरा, पिपरिया भारती, हरनभटा और जुंगावानी सहित आसपास के गांव में सीएचओ और एएनएम वैक्सीनेशन कराने में इतनी व्यस्त हो गई है कि वह गर्भवती महिलाओं को टीका तक नहीं लगा रही है। ऐसे मेें कई गर्भवती महिलाएं परेशान होकर अस्पताल के चक्कर काट रही है।
मंगलवार को गर्भवती को टीका लगाने के है निर्देश
गौर किया जाए तो सरकार के द्वारा बकायदा बच्चों को और प्रसूता महिलाओं को आंगनवाड़ी केंद्र में जाकर टीका लगाने की व्यवस्था की गई है। लेकिन अमरवाड़ा की बीएमओ के द्वारा टारगेट पूरा कराने के चक्क र में अधिकांश एएनएम आंगनवाड़ी नहीं जा पा रही है, जो कि एक गंभीर लापरवाही है।
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