छिंदवाड़ा। लगभग दो वर्षो से बंद पड़ी शहर की एकमात्र सिनेमा हॉल अर्थात अलका टॉकीज के खुलने की संभावना नहीं के बराबर है। कल सरकार ने नई गाइडलाइन जारी करते हुए 50 प्रतिशत क्षमता के साथ टॉकीज खोलने की अनुमति दे दी थी, लेकिन विपरीत परिस्थतियों के मद्देनजर इसका संचालन संभव दिखाई नही देता ।
कोरोना के प्रथम चरण अर्थात 15 मार्च 2019 से सरकार ने भीड़भाड़ वाले स्थानों अर्थात सिनेमाहॉल को बंद करने के अस्थाई आदेश दिए थे। लेकिन 2 साल बीत गए टॉकीज शुरू नही हो सकी। बताया जाता है कि अलका टॉकीज में डबल स्क्रीन थियेटर है और अब तो यहां की लाईट भी कटी हुई है ।
रखरखाव के अभाव अस्थाई दिए थे। इसके बाद दो वर्ष में दिन ब दिन इसकी हालत खराब हो रही है। पहले डबल स्क्रीन के साथ रिलायंस कम्पनी ने बिग सिनेमा के नाम पर इसका संचालन किया लेकिन कुछ वर्ष पूर्व इसे कार्नीवाल ने इसे खरीद लिया था।
खराब हो गई कुर्सियां
रखरखाव के अभाव में टॉकीज में लगी लग्जरी कुर्सियां भी खराब हो गई है। यही नही सीलिंग भी जीर्ण-शीर्ण हो चली है। यदि इसे शुरू करने का निर्णय लिया जाता है तो रंगरोगन में ही दो माह लग जाएंगे। पता चला है कि कंपनी ने पिछले कई महीनों का किराया भी टॉकीज मालिक को नही दिया है ।
हेड ऑफिस ने नहीं दी अनुमति
अलका कॉर्ननिवल मल्टीप्लेक्स के मैनेजर कमलेश पवार ने बताया कि भले ही सरकार ने सिनेमाघरों के लिए सशर्त छूट दे दी है लेकिन हमारे हेड ऑफिस द्वारा छिंदवाड़ा सहित छोटे शहरों के सिनेमाघर खोलें ने संबंधी कोई दिशा निर्देश नही दिए गए हैं।
24 कर्मचारियों पर गहराया पर संकट
डबल स्क्रीन वाले अलका टॉकीज के मल्टीप्लेक्स में थियेटर बंद होने से पहले 24 का स्टाफ कार्यरत था। एक थियेटर में 169 दर्शकों के लिए बैठक व्यवस्था और दूसरे क्षमता 476 है। मनोरंजन के लिए सबसे अच्छे और सस्ते साधन के रूप में पहचान बनाने वाला भारतीय सिनेमा अब खत्म होने के कगार में पहुंच गया है।
शहर की श्रेयांस टॉकीज भी सिंगल स्क्रीन वाली बनकर तैयार है लेकिन संचालित नही हो पा रही है। यहां 352 दर्शकों की बैठने की क्षमता है। उधर परासिया के न्यूटन रोड पर डबल स्क्रीन वाला थियेटर बनकर शुरू हुआ था जो कोरोना की वजह से बंद पड़ा है। इधर सौंसर, जुन्नारदेव और पांढुर्णा में भी टॉकीजें लम्बे समय से बंद पड़ी है।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.