ओबीसी महासभा के भारत बंद के तहत दमोह में भी बंद का आह्वान किया गया था। शनिवार दोपहर ओबीसी महासभा के कार्यकर्ता शहर में निकले और लोगों से अपने प्रतिष्ठान बंद करने की अपील की। हालांकि अपील का कोई खास असर नहीं हुआ, लेकिन कार्यकर्ता लोगों से अनुरोध करते रहे। इसके बाद उन्होंने अस्पताल चौराहे पर तहसीलदार विकास अग्रवाल को ज्ञापन सौंपा, जिसमें उनकी कई मांगें शामिल हैं। प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल के खिलाफ नारेबाजी की।
ओबीसी महासभा के जिला संगठन मंत्री सुरेंद्र कुर्मी ने बताया कि मुख्यमंत्री प्रदेश में ओबीसी आरक्षण के नाम पर राजनीति कर रहे हैं। उनकी मांग है कि मध्य प्रदेश में ओबीसी को 51% आरक्षण दिया जाना चाहिए। शिक्षक पात्रता परीक्षा वर्ग 1 और 2 में भी विषयों के आधार पर सभी को 27% आरक्षण मिलना चाहिए। प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं में भी आरक्षण लागू हो।
इसके अलावा छतरपुर के ओबीसी महासभा के अध्यक्ष व सचिव पर दर्ज किया गया, 376 का मामला वापस किया जाना चाहिए। इसके साथ ही किसानों के समर्थन मूल्य के भुगतान में हुई देर को ब्याज सहित किसानों को वापस किया जाए। महासभा का कहना है कि यदि सरकार उनकी मांगों पर गौर नहीं करती, तो उन्हें मजबूरी में उग्र आंदोलन करना पड़ेगा।
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