विशेष न्यायालय पॉक्सो एक्ट रमा जयंत मित्तल ने पॉक्सो अधिनियम के तहत एक विशेष सत्र प्रकरण में निर्णय पारित करते हुए आरोपी गजेंद्र (25) पुत्र रामदास अहिरवार निवासी धीरपुरा को नाबालिग बालिका के साथ दुराचार करने के अपराध में दोषी पाते हुए 20 साल के सश्रम कारावास एवं 10 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है।
प्रकरण में पैरवीकर्ता एडीपीओ संचिता अवस्थी ने बताया कि बालिका के पिता ने जिगना थाने में रिपोर्ट दर्ज कराते हुए बताया कि तीन जनवरी 2019 को शाम सात बजे वह घर से खेत पर रखवाली करने गया था। घर पर उसकी मां व तीनों लड़कियां थीं। रात करीब साढ़े आठ बजे वह खेत से घर आया तो बालिका घर पर नहीं मिली। फरियादी ने अपनी मां से पूछा कि बालिका कहां हैं तो मां ने बताया कि रात 8 बजे से बालिका घर पर नहीं दिखी। इसके बाद फरियादी ने गांव में, आसपास, रिश्तेदारियों में बालिका की तलाश की लेकिन कहीं नहीं मिली। उसे शक है कि उसकी लड़की को आरोपी गजेंद्र अहिरवार बहला फुसलाकर भगा ले गया। जिगना पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर विवेचना में लिया।
विवेचना के दौरान बालिका को दस्तयाब किया और कथन लेखबद्ध कर आरोपी गजेंद्र को गिरफ्तार किया। आवश्यक अनुसंधान के बाद अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। प्रकरण के विचारण के दौरान बालिका ने न्यायालय के समक्ष अभियोजन का समर्थन करते हुए पक्ष विरोधी बयान दिए। लेकिन प्रकरण में डीएनए रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई। विशेष लोक अभियोजक के द्वारा प्रभावी तर्क और डीएनए रिपोर्ट के आधार पर आरोपी को शिक्षाप्रद दंड से दंडित किए जाने का निवेदन किया। जिस पर न्यायालय ने विश्वास करते हुए आरोपी को 20 साल के कठोर कारावास व 10 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया।
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