रबी फसलों की बोनी हेतु जिले में पर्याप्त मात्रा में उर्वरक की उपलब्धता है। उपसंचालक कृषि डॉ. डीएसडी सिद्धार्थ ने बताया कि जिले में 1600 मैट्रिक टन यूरिया है। जबकि 510 मैट्रिक टन डीएपी की उपलब्धता है। उन्होंने बताया कि जिले में किसानों की उर्वरकों की मांग को देखते हुए जिले में 3 हजार 17 मैट्रिक टन यूरिया एनएफएल से प्राप्त होने वाला है।
जबकि जिले के लिए 900 मैट्रिक टन डीएपी की रेक कल तक जिले में पहुंचने की संभावना है। उन्होंने बताया कि जिले में 90 प्रतिशत रबी की फसलों की बोवनी हो चुकी है। शेष 10 प्रतिशत गेहूं की बोवनी जारी है। जिले में 2 लाख 30 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में रबी की विभिन्न फसलें बोनी का लक्ष्य रखा गया है।
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