बसई क्षेत्र में नहर की सफाई और मरम्मत के नाम पर लाखों खर्च करने पर भी गुणवत्तापूर्ण कार्य नहीं होने से शनिवार देर शाम को नहर फूट जाने से किसानों के खेतों में पानी भर गया।
हर वर्ष नहर की सफाई और मरम्मत सही ढंग से नहीं किए जाने का खामियाजा क्षेत्र के किसानों को भुगताना पड़ता है। पिछले साल हिम्मतपुर में नहर फूटने से कई किसानों के खेत तालाब बन गए थे।
बसई क्षेत्र के ग्राम जैतपुर से निकली नहर शनिवार को फूट गई। जिससे पूरी रात किसानों के खेतों में पानी भरता रहा। सुबह जब किसान अपने खेतों पर गए तो वहां बोई गई फसल में पानी ही पानी दिखाई दिया।
इस बारे में किसानों ने नहर विभाग के अधिकारियों को सूचित करने की कोशिश की। लेकिन बसई क्षेत्र में ना तो नहर विभाग का कोई अधिकारी पदस्थ है और ना ही नहर विभाग के अधिकारियों के फोन नंबर उपलब्ध हैं। जिसके कारण जब भी इस तरह की समस्या पैदा होती है तब किसानों की मदद करने कोई नहीं पहुंचता।
मदद न मिलने से मायूस किसानों ने स्वयं कड़ी मेहनत कर फूटी हुई नहर से किसी तरह आ रहे पानी को रोका। लेकिन अभी भी उन्हें भय सता रहा है कि नहर फिर से न फूट जाएं। जिन किसानों के खेतों में नहर का पानी भरा उनमें शामिल किसान बांकेलाल लोधी, जगदीश लोधी, रमेश कुमार, रवि कुमार आदि ने बताया कि खेतों में पानी भर जाने से उनके द्वारा की गई बोवनी कार्य को नुकसान होगा।
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