दतिया से करीब 6 किमी दूर रैंड़ा के पास भूटान बैराज पर नहाते वक्त 12 वर्षीय किशाेर पैर फिसलने से नहर में गिर गया। नहर में गिरे किशोर को बचाने के लिए उसका जीजा ने भी छलांग लगा दी। साले ने तो बांध के गेट पकड़कर जैसे-तैसे अपनी जान बचा ली लेकिन उसे बचाने के लिए कूदे जीजा बह गए। घटना मंगलवार सुबह 11 बजे की है। नहर में बहे युवक की तलाश में परिजन ने 4 घंटे तलाश की लेकिन नहर में पानी अधिक होने के कारण कुछ पता नहीं चला।
इसके बाद परिजन ने सेंवढ़ा रोड पर झड़िया में चक्काजाम कर दिया। दो घंटे तक चक्काजाम लगा रहा। परिजन नहर के पानी को डायवर्ट करने की मांग कर रहे थे। मौके पर पहुुंचे पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने समझाकर जाम खुलवाया और नहर के पानी को भूटान नाले में डायवर्ट कर दिया। हालांकि नहर में पानी कम होने में 5 से 7 घंटे लग जाएंगे, तब बहे युवक का पता चलने की उम्मीद है। जानकारी के अनुसार शिवपुरी जिले के मायापुर में रहने वाला अरुण (20) पुत्र रामजी कंजर का विवाह छह महीने पहले झड़िया कंजर डेरा निवासी लड़की के साथ हुआ था।
हाल ही में अरुण अपनी ससुराल आया था। मंगलवार सुबह वह अपनी पत्नी (18), साला सत्येंद्र (12), सास रूपा कंजर (45) सहित ससुराल के अन्य लोगों के साथ रैंड़ा गांव के पास स्थित भूटान बैराज पर नहाने के लिए गया था। पत्नी और सास कपड़े धो रही थे जबकि अरुण और उसका साला सत्येंद्र नहर किनारे पर खड़े होकर नहा रहे थे। नहाते वक्त सत्येंद्र का पैर फिसला और वह नहर में जा गिरा। सत्येंद्र को बचाने के लिए अरुण ने भी नहर में छलांग लगा दी।
सत्येंद्र ने बैराज के गेट पकड़ लिए जिससे वह बहने से बच गया। उसे परिवार के लोगों ने बचा लिया जबकि अरुण तेज बहाव में बह गया। अरुण के ससुराल वालों ने परिवार और गांव के लोगों को बुलाकर सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक उसकी तलाश की लेकिन अरुण का कहीं पता नहीं चल सका।
सेंवढ़ा रोड पर 2 घंटे चक्काजाम के बाद डायवर्ट किया गया पानी, पुलिस ने शुरू की अरुण की तलाश
अरुण के ससुराल पक्ष ने ग्रामीणों के साथ मिलकर शाम 4 बजे झड़िया पहुंचकर दतिया-सेंवढ़ा रोड पर चक्काजाम कर दिया। जाम छह बजे तक लगा रहा। परिजन की मांग थी कि मैन नहर का पानी नदी में डायवर्ट कर दिया जाए ताकि नहर में बहे अरुण का पता चल सके। जानकारी मिलने पर एसडीएम ऋषि सिंघई, एसडीओपी प्रियंका मिश्रा, तहसीलदार भूपेंद्र कुशवाहा, टीआई धवल सिंह चौहान समेत तमाम अधिकारी मौके पर पहुंचे और समझाइश के बाद जाम खुलवाया।
इसके बाद अफसर बैराज पर पहुंचे और जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री चैतन्य सिंह चौहान से बात कर मुख्य नहर का पानी भूटान नाले में छोड़ा गया। साथ ही अंगूरी बैराज से मुख्य नहर में पानी बंद कर पहूज नदी में छोड़ा गया। सुकुआं ढुकुआं बांध से अंगूरी बैराज में पानी बंद कराया। भूटान बैराज से पानी डायवर्ट होते ही परिजन के साथ पुलिस बल ने अरुण की तलाश शुरू कर दी लेकिन पता नहीं चला सका।
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