बागली विकासखंड में आनी वाली बेहरी ग्राम पंचायत में सरपंच पद के लिए पांच उम्मीद्वार मैदान में थे। यहां पर 21 सौ 81 वोटर है। बेहरी में नवनिर्वाचित सरपंच हुकम बछानिया ऐसे निर्वाचित जनप्रतिनिधि है। जिनके लिए आगे आकर ग्रामीण लोगों ने सभी प्रकार की व्यवस्थाए जुटाई। बेहरी के नवनिर्वाचित सरपंच हुकम बछानिया मजदूरी करके जीवन यापन करते हैं। उनके स्वयं के पास रहने का भी पक्का मकान नहीं है। प्रधानमंत्री आवास योजना के वर्षों बाद भी वह इस सुविधा से वंचित है। उनकी यही सादगी निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में उनको सरपंच बना गई। उनके नजदीकी संपर्क वाले कंचन दांगी ने बताया कि शासन की बड़ी-बड़ी योजनाए जो गरीबों की हितग्राही योजना है उनका लाभ अंत्योदय तक नहीं पहुंच पाया उसका साक्षात उदाहरण है। नवनिर्वाचित सरपंच अल्प शिक्षित हुकम बछानिया क्षेत्रवासियों की समस्या कैसे हल करते हैं। यह तो आने वाले 5 वर्षों में दिखाई देगा। नवनिर्वाचित सरपंच ने बताया कि उन्होंने बालिका शिक्षा पर ध्यान देते हुए उनकी स्वयं की बालिका को कक्षा बारहवीं तक पढऩे में सहयोग दिया है वह स्वयं प्राइमरी तक पढ़े हुए हैं लेकिन शिक्षा की बात पर कहते हैं कि उनका प्रयास रहेगा ग्राम पंचायत बेहरी मुख्यालय पर हाई स्कूल बन जाए ।
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