छोटा कठोडिया व बामनसुता क्षेत्र में घूम रहा लक्कड़बग्गा 6 दिन बाद भी पकड़ में नहीं आया। इसको लेकर अब वन विभाग ने यहां पर पिंजरा लगाया है। अब पिंजरे के माध्यम से लकड़बग्घे को पकड़ा जाएगा।
बुधवार को ग्राम छोटा कठोडिया में किसान कालू सिंह राजपूत के खेत पर काम कर रहे मजदूर अंबाराम पर लकड़बग्घा ने जानलेवा हमला कर दिया था। जिससे अंबाराम को कई जगह चोट लगी थी। इसके बाद से ही इलाके में दहशत फैल गई। लकड़बग्घा के डर के कारण किसान रात में खेतों पर सिंचाई के लिए जाने में भी डरने लग गए। पूरे क्षेत्र में सन्नाटा छा गया। वन्य प्राणी लकड़बग्घा की दहशत के कारण बच्चों का तो जंगल में जाना ही बंद हो गया है।
उधर वन विभाग की टीम द्वारा लगातार जंगल क्षेत्र में सर्चिंग की जा रही है। दो जगह लक्कड़बग्घे के पगमार्क व रहवास भी मिला है। किंतु वह नहीं दिखाई दिया। इसको लेकर अब वन विभाग द्वारा धार से बड़ा पिंजरा लाया गया है। वन्य प्राणी को पकड़ने के लिए जंगल में पिंजरा लगाया गया है। अब उसे पिंजरे के माध्यम से पकड़ा जाएगा।
अमला भी क्षेत्र में सर्चिंग अभियान में जुटा
वनरक्षक राधेश्याम मेडा ने बताया कि लगातार वन अमला सर्चिंग अभियान चला रहा है। लोगों की मांग पर लक्कड़बग्घा को पकड़ने के लिए जंगल में पिंजरा लगाया गया है। ग्रामीणों को समझाइश दी गई है कि वे पिंजरे के पास में न जाए। उन्होंने कहा कि अमला भी क्षेत्र में सर्चिंग अभियान में जुटा हुआ है।
हाथों में लाठी व टार्च लेकर जाने की सलाह
लकड़बग्घा के आतंक के कारण लोग भी डरे हुए हैं। आवश्यक काम होने पर ही खेतों पर जा रहे हैं। वन रक्षक राजेश लिंटोरिया ने ग्रामीणों को सलाह दी है कि खेतों में समूह के रूप में ही जाएं साथ में लाठी व टार्च लेकर जाएं। इसके अलावा खेतों की मेड पर रात में अलाव जलाकर रखें, इससे लक्कड़बग्घा पास में नहीं आता है। उन्होंने ग्रामीणों को सतर्कता बरतने की सलाह भी दी है।
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