यहां प्राचीन कोटेश्वर धाम में होने वाली शिवमहापुराण कथा को लेकर कथास्थल पर बड़ा पांडाल बनाया जा रहा है। कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा रहेंगे। कथा को लेकर अब 9 दिन शेष बचे है। कथा 24 मार्च से शुरू होगी। पांच दिवसीय कथा का समापन 28 मार्च को होगा।
यहां कथास्थल पर 3 लाख वर्ग फिट में पांडाल तैयार किया जा रहा है। जो इंदौर, बेटमा व राउ में हुई कथा के आयोजन से तीन गुना अधिक क्षेत्रफल में होगा। कथास्थल पर 3 विशालकाय डोम बनाए जा रहे है। जिनके निमार्ण का काम यहां चल रहा है। बढ़ते तापमान को देखते हुए श्रदालुओ के लिए यहां 24 जंबो एसी लगाए जाएंगे।
साथ ही गर्मी से निजात के लिए 450 पंखे लगाने के अलावा 100 जंबो कूलर भी अलग अलग स्थानों पर रखे जाएंगे। श्रदालुओ के लिए यहां दस बाय आठ साइज के एक दर्जन एलईडी भी पंडाल में फिट किए जाएंगे। ताकि श्रदालु दूर से भी कथा को देख व सुन सकेगें।
कथा को लेकर समूचे क्षेत्र में उत्साह देखा जा रहा है। ऐसे में रोज करीब 1 लाख श्रदालुओ की आने की संभावना रहेगी। ऐसे में पंडाल छोटा पड़ने पर तुरंत सीलिंग लगाकर बैठने की व्यवस्था होगी। बड़े स्तर पर हो रही इस शिवमहापुराण कथा की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर यहां 40 सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएंगे। इसके लिए एक कंट्रोल रूम बनाया जा रहा है। वहां से निगरानी रखी जाएगी।
शिवलिंग पर पीतल की जलाधारी की स्थापित
यहां कोटेश्वर महादेव धाम मंदिर परिसर में स्थित ओंकारेश्वर शिवलिंग है। जिसकी स्थापना भगवान श्री कृष्ण ने रुक्मणी हरण के दौरान यहां रात्रि विश्राम के अवसर पर की थी। उक्त शिवलिंग पर सोमवार को विधिवत पीतल की जलाधारी अर्पित की गई।
महंत मंगल भारती ने बताया कि शिव महापुराण कथा के आयोजन होने से मंदिर स्थल पर भी तैयारियों को अंतिम रुप दिया जा रहा है। कथा को लेकर पूरे क्षेत्र में उत्साही माहौल बना हुआ है। दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सभी दलों के नेता व कार्यकर्ता कथा की तैयारियों में जुटे है। इसको लेकर बैठकों का दौर भी जारी है।
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