नगर के दिगंबर जैन मंदिर में जैन धर्मावलंबियो के चौथे तीर्थंकर भगवान 1008 श्री अभिनदंननाथजी का गर्भ व मोक्षकल्याणक पर्व पारंपरिक हर्ष उत्साह उर्जा उमंग एवं उल्लास के साथ आज सुबह से मनाया गया ।
जैन मंदिर में नित्य अभिषेक शांतिधारा कर निर्वाण कांड का वाचन कर अपने अपने घरों से शुद निर्वाण लड्डू बनाकर मन्दिर की भूमि को साक्षात श्री सम्मेदशिखर स्थित भूमि मानकर प्रभो अभिनंदन की चरणों मे निर्वाण लड्डू चढाया गया ।
अर्घावली बोलकर अर्घ चढ़ाए गए
मंदिर समिति के दीपक प्रधान ने बताया कि श्रावक व श्राविकाओं का मंदिर में आने पर शुरू से सभी भक्तों के मन में भाव था कि जैसा आपने कठिन तपस्या कर के मोक्ष गए हैं । उसी प्रकार हमें भी मोक्ष गति मिले ताकि 84 लाख योनि से मुक्त होकर मोक्षगामी जीव बने । सारी क्रियाएं अशोक प्रधान ने करवाई सभी इन्द्रो व श्रावक श्राविकाओं में उत्साह था। पूजन सामग्री व जल की व्यवस्थाओं में नितिन भैया का सहयोग रहा।
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