बहू भी बेटियों की तरह ही होती है। मध्यप्रदेश के धार में एक परिवार ने ऐसी ही मिसाल पेश की है।दरअसल, कोरोना काल में इस परिवार ने अपना बेटा खो दिया। बहू विधवा हो गई। जिसके बाद सास-ससुर ने बहू को बेटी की तरह रखा। एक साल बाद दोबारा शादी कराकर बेटी की तरह विदा किया। इतना ही नहीं गिफ्ट के रूप में उसे एक बंगला भी दिया।
नागपुर का रहने वाला है दामाद
धार शहर के रहने वाले युग तिवारी ने अक्षय तृतीया पर अपनी विधवा बहू रिचा तिवारी की शादी नागपुर के रहने वाले वरूण मिश्रा से करवाई। दरअसल, युग तिवारी के बेटे प्रियंक तिवारी की 25 अप्रैल 2021 को कोरोना से मौत हो गई थी। ससुर का कहना है कि उनका दामाद वरूण होस्टल संचालक और प्रॉपर्टी ब्रोकर है। उन्होंने आगे बताया कि 27 नवंबर 2011 में उनके बेटे प्रियंक की शादी रिचा से हुई थी।
भोपाल में थी पोस्टिंग
युग रिटॉयर्ड SBI AGM हैं। प्रियंक भोपाल की नेटलिंक कंपनी में सीनियर सॉफ्टवेयर इंजीनियर था और भोपाल में ही उसकी पोस्टिंग थी। साल 2013-14 में उन्हें एक बेटी हुई थी। जिसका नाम आन्या तिवारी (9) है। शादी के बाद आन्या भी अपनी मम्मी के साथ नागपुर चली गई है। प्रियंक की मौत के बाद कंपनी ने उसकी पत्नी रिचा को जॉब दे दी।
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पूरा खर्च खुद उठाया
युग का कहना है कि वह अपनी बहू को बेटी मानते हैं। उन्हें रिचा और आन्या के भविष्य की चिंता थी। इसलिए उन्होंने एक साल तक बहू के लिए योग्य वर की तलाश की। उसके बाद उन्होंने रिचा के मायके वालों से इस बारे में बात कर उनकी सहमति से सास-ससुर ने माता-पिता बनकर बहू को विदा किया। तिवारी परिवार ने अपने बहू की शादी कन्यादान सहित हर रस्म खुद निभाई। शादी का पूरा खर्च भी उन्होंने खुद ही उठाया और पूरे धूमधाम से बेटी समान बहू को विदा किया। साथ ही नागपुर में उनके बेटे प्रियंक ने जो बंगला खरीदा था। वह बंगला भी उन्होंने अपनी बहू को दे दिया।
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