स्वास्थ्य विभाग में काम करने वाले 500 से ज्यादा संविदा स्वास्थ्यकर्मी 7 दिसंबर से हड़ताल पर चले जाएंगे। इससे स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह चरमरा सकती हैं। कारण यह है कि नर्सिंग, दवा वितरण, पैथालॉजी आदि विभाग इन कर्मचारियों पर बहुत ज्यादा निर्भर हैं। रविवार को इन कर्मचारियों ने शास्त्री पार्क में बैठक की और इस संबंध में फैसला लिया। उनका कहना है कि हमारी मांग नियमितिकरण की है।
नियमितिकरण की जगह आउटसोर्स कर दीं सेवाएं : कर्मचारियों का कहना है कि 2018 में तय नीति के मुताबिक उनकी नियमित पदों पर नियुक्ति की जाए। साथ ही उनको संबंधित पद का 90 फीसदी वेतन मिले। सरकार ने इस नीति के उलट 2019 में ही तमाम कर्मचारियों की सेवाएं आउट सोर्स एजेंसी को दे दी। यानि रातो-रात उन्हें ठेका कर्मचारी बना दिया गया। जबकि कर्मचारी 12 साल से सेवाएं दे रहे हैं।
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