धर्मांतरित आदिवासियों को आरक्षण न दिए जाने की मांग को लेकर मंगलवार को डी-लिस्टिं रैली आयोजित की गई। इसे जनजाति सुरक्षा मंच ने आयोजित किया था। इसमें गुना विधायक सहित भाजपा के कई नेता व पदाधिकारी भी मौजूद रहे। इस आयोजन के लिए गांवों से आदिवासियों को बसों से लाया गया था। लक्ष्मीगंज में सभा आयोजित हुई। इसके बाद एक रैली निकाली गई, जो सदर बाजार, हाट रोड होते हुए कॉलेज के सामने स्वतंत्रता पार्क पहुंची।
यहां आदिवासियों के लिए भोजन-पानी का इंतजाम किया गया था। हालांकि इसमें अव्यवस्था हो गई। रैली में आए लोग परेशान होते रहे। उधर आयोजकों द्वारा माइक पर यह ऐलान किया जाता रहा कि भाेजन आदि का इंतजाम बसों में ही किया गया है। धूप से बचने के लिए कई महिलाएं स्वतंत्रता पार्क में बैठ गईं। वहीं कई अन्य लोग यहां वहां भटकते रहे।
इसलिए हुआ आयोजन
आदिवासियों को लेकर यह अपनी तरह का पहला आयोजन था। इसका मुख्य मुद्दा धर्मांतरण कर चुके आदिवासियों को आरक्षण की सूची से बाहर करने को लेकर था। प्रदेश पदाधिकारी तिलकराज दांगी व मांगीलाल खराडी ने दावा किया कि इस तरह की मांग बीते 50 साल से उठाई जा रही हैं।
उनके मुताबिक डाू. कार्तिक उरांव पहले शख्स से थे जिन्होंने इस मुद्दे को लेकर कानून बनाने की मांग उठाई। वक्ताओं का कहना था कि जो आदिवासी इस्लाम या ईसाई धर्म अपनाकर अपनी परंपरा को छोड़ चुके हैं, उन्हें आरक्षण का लाभ नहीं मिलना चाहिए। इस कार्यक्रम में विधायक गोपीलाल जाटव सहित कई भाजपा नेता शामिल थे।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.