अगर आपको अपने यहां टेरेस गार्डन विकसित करना है तो उद्यानिकी विभाग इसमें मदद कर सकता है। इसके लिए विभाग की ओर से माली की सेवाएं उपलब्ध कराई जा सकती हैं। रविवार को मॉर्डन स्कूल में आयोजित टेरेस गार्डन प्रदर्शनी के अंतिम दिन उद्यानिकी विभाग के उपसंचालक जीएस रघुवंशी ने यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि माली की सेवाओं के बदले शुल्क देना होगा, लेकिन इससे लोग पौधों की देखभाल, उनके विकास के लिए जरूरी खाद व अन्य प्रक्रियाओं की जानकारी ले सकते हैं। उनका कहना था कि लोगों को अपने यहां ज्यादा से ज्यादा सब्जियां लगाना चाहिए। जिससे वे रासायनिक खाद, कीटनाशक से पैदा की जाने वाली खाद्य सामग्री से मुक्ति पा सकें। कार्यक्रम में राहुल जैन, टीना श्रीवास्तव, एकता सक्सेना, अर्पित देव, संचिता दीक्षित, सोनल जैन, सपना मरवड़िया आदि का सहयोग रहा।
उद्यानिकी विभाग देता है माली की ट्रेनिंग
उद्यानिकी विभाग के उपसंचालक ने एक और अहम जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अगर कोई माली की ट्रेनिंग लेना चाहता है तो वह विभाग से संपर्क कर सकता है। विभाग की ओर से इच्छुक व्यक्तियों को इसके लिए भोपाल भेजा जाएगा। वहां 25 दिन की ट्रेनिंग होती है। इस दौरान रहने, भोजन आदि का इंतजाम भी विभाग स्तर से होता है। ट्रेनिंग के बाद व्यक्ति के पास ऐसा हुनर होता है, जिससे वह अपना जीवन यापन कर सके।
प्रदर्शनी में एक हजार से ज्यादा पौधे प्रदर्शित
अंतिम दिन गार्डनिंग के कई और शौकीन अपने पौधे लेकर पहुंचे। इस तरह करीब एक हजार विभिन्न पौधे प्रदर्शनी में थे, जिन्हें देखने बड़ी संख्या में लोग आए। लोगों को कई जानकारियां मिली। जैसे गुलाब के एक ही पौधे में 7 विभिन्न रंग के फूल कैसे विकसित किए जा सकते हैं? इसके अलावा अलग-अलग पौधों को किस तरह की मिट्टी की जरूरत होती है। पानी की मात्रा कितनी रखी जाए। उन्हें कितनी धूप व छांव की जरूरत है। खाद कौन सी इस्तेमाल करें। इत्यादि।
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