जिले में शासकीय स्कूल के प्राचार्यों द्वारा सस्ते टेबलेट को एक ही दुकान से महंगे दाम पर खरीदे जाने के मामले में अब तक कार्रवाई नहीं हुई है। इस मामले को करीब एक साल हो गया। कलेक्टर फ्रेंक नोबल ए ने इस घोटाले की जांच तत्कालीन संयुक्त कलेक्टर संजीव केशव पांडेय से कराई थी। जांच में भी पुष्टि हुई कि डीईओ कार्यालय से प्राचार्यों को टेबलेट खरीदने के लिए फोन किए गए थे और उन्हें यह भी बताया गया कि किस दुकान से खरीदना है।
इसमें डीईओ चंद्रशेखर सिसोदिया को दोषी मानते हुए कलेक्टर फ्रेंक नोबल ए ने अक्टूबर 2022 में लोक शिक्षण संचालनालय के आयुक्त को पत्र लिखा। इसमें डीईओ पर कार्रवाई की बात कही, लेकिन भोपाल में बैठे अफसर इस मामले को भूल ही गए। यही वजह है कि करीब पांच माह बीतने के बाद भी जिला शिक्षा अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई है। दैनिक भास्कर ने उजागर किया था घोटाला
शिक्षा विभाग ने जिले में 105 हाईस्कूल और हायर सेकंडरी स्कूल के प्राचार्यों को टेबलेट खरीदने के लिए बजट दिया था। यह एक टेबलेट अधिकतम 15 हजार रुपए में खरीदा जा सकता था, लेकिन जिले में डीईओ ऑफिस से प्राचार्यों को फोन किया गया और कहा कि जयनेट कंप्यूटर दुकान से सभी लोग टेबलेट की खरीदी करें। यह टेबलेट लैनोवो कंपनी का खरीदा जाए और प्रति टेबलेट का भुगतान 15 हजार से थोड़ा कम किया जाए। इसी अनुसार जिले में खरीदी भी हो गई, जबकि इस एक टेबलेट की कीमत 8600 रुपए ही थी। दैनिक भास्कर ने इस पूरे मामले को उजागर किया। भास्कर ने 22 फरवरी 2022 को टेबलेट खरीदी में गड़बड़ी... प्रति नग 8 हजार रुपए दिए, बिल 15 हजार का शीर्षक से खबर प्रकाशित की।
कलेक्टर ने पत्र में खबर का किया उल्लेख
संयुक्त कलेक्टर की जांच रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद कलेक्टर फ्रेंक नोबल ए. ने इस मामले में 19 अप्रैल 2022 को डीईओ चंद्रशेखर सिसोदिया को नोटिस दिया। लेकिन उनके द्वारा दिया गया नोटिस का जवाब संतोषप्रद नहीं था। इस आधार पर कलेक्टर ने जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से अनाधिकृत निर्देश जारी कर अधिक कीमत पर निर्धारित मापदंड के टेबलेट खरीदी के लिए डीईओ को दोषी मानते हुए उन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल को पत्र लिखा। 11 अक्टूबर 2022 को लिखे गए इस पत्र में दैनिक भास्कर की खबर का भी उल्लेख है।
7 प्राचार्यों ने स्वीकारा : डीईओ कार्यालय से मिले थे निर्देश
दैनिक भास्कर में प्रकाशित खबर पर कलेक्टर फ्रेंक नोबल ए ने टेबलेट की खरीदी में किए गए घोटाले की 23 फरवरी 2022 को जांच के आदेश कर दिए। यह जांच तत्कालीन संयुक्त कलेक्टर संजीव केशव पांडे को सौंपी। श्री पांडे ने 105 में 25 प्राचार्यों को नोटिस जारी कर कथन मांगे, जिनमें 21 प्राचार्यों ने कथन दिए। इनमें से 7 प्राचार्यों ने स्वीकार किया कि उन्हें डीईओ कार्यालय से एक ही दुकान से टेबलेट खरीदने के निर्देश दिए गए थे। इसकी कीमत भी डीईओ ऑफिस से ही तय की गई थी। इसके अलावा यह टेबलेट समग्र शिक्षा अभियान के मापदंड के अनुसार भी नहीं थे।
आरोपों की पुष्टि हुई थी
कुछ प्राचार्यों के कथन आए थे, जिनमें जांच के दौरान आरोपों की पुष्टि हुई थी। इस मामले में आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय को पत्र लिखने के बाद वहां से कुछ डिजिटल डॉक्यूमेंट मांगे गए थे, हमने वह भी भेज दिए हैं।
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